SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 175
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 154] . : [श्रीमदागमसुधासिन्धुः द्वितीयो विभागा देसेणं सब्बपोग्गला सअड्डा समन्मा सपएसा, एवं ते एगसमयठितीएवि पोग्गले सत्रड्ढे 3 तं चेव, जति णं अजो ! भावादेसेणं सव्वपोग्गला सग्रड्डा समझा सपएसा 3, एवं ते एगगुणकालएवि पोग्गले सयड्ढे 3 तं चेव, अह ते एवं न भवति तो जं वयसि दवादेसेणवि सव्वपोग्गला साड्डा 3 नो अणड्डा अमज्मा अपदेसा एवं खेत्तादेसेणवि कालादेसेणवि भावादेसेणवि तंन्न मिच्छा 5 / तए णं से नारयपुत्ते अणगारे नियंठीपुत्तं अणगारं एवं वयासी-नो खलु वयं देवाणुप्पिया ! पयम? जाणामो पासामो, जति णं देवाणुप्पिया ! नो गिलायंति परिकहित्तए तं इच्छामि णं देवाणुप्पियाणं अंतिए एयम8 सोचा निसम्म जाणित्तए 6 / तए णं से नियंठीपुत्ते अणगारे नारयपुत्तं अणगारं एवं वयासी-दव्वादेसेणवि मे अजो सब्वे पोग्गला सपदेसावि अपदेसावि अणता खेत्तादेसेणवि एवं चेव कालादेसेणवि भावादेसेण वि.एवं चेव 7) जे दो अप्पदेसे से खेत्तयो नियमा अप्पदेसे कालो सिय सपदेसे सिय अपदेसे भावो सिय सपदेसे सिय अपदेसे 8 / जे खेत्तयो अप्पदेसे से दवयो सिय सपदेसे सिय अपदेसे कालो भयणाए भावो भयणाए 1 / जहा खेत्तो एवं कालो भावो 10 / जे दवयो सपदेसे से खेत्तयो सिय सपदेसे सिव अपदेसे, एवं कालयो भावबोवि, ज़े खेत्तयो सपदेसे से दबतो नियमा सपदेसे कालो भयणाए भावो भयणाए जाव दब्बयो तहा कालो भावग्रोवि 11 / एएसि णं भंते ! पोग्गलाणं दव्वादेसेणं खेत्तादेसेणं कालादेसेणं भावादेसेणं सपदेसाण य अपदेसाण य कयरे कयरेहितो जाब विसेसाहिया वा ?, नारयपुत्ता ! सव्वत्थोवा पोग्गला भावादेसेणं अपदेसा कालादेसेणं अपदेसा असंखेजगुणा दवादेसेणं अपदेसा असंखेजगुणा खेत्तादेसेणं अपदेसा असंखेजगुणा खेत्तादेसेणं चेव सपदेसा असंखेजगुणा दब्वादेसेणं सपदेसा विसेसाहिया कालादेसेणं सपदेसा विसेसाहिया भावादेसेणं सपदेसा
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy