________________ अमीद्व्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती) सूत्र / शतर्क 5 : उ०७ ] समज्झे सपदेसे जहा संखेजपदेसियो तहा असंखेजपदेसियोऽवि अणंतपदेमियोऽवि 5 // सूत्रं 215 // परमाणुपोग्गले णं भंते ! परमाणुपोग्गलं फुसमाणे किं देसेणं देसं फुसइ 1 देसेणं देसे फुसइ 2 देसेणं सव्वं फुसइ 3 देसेहिं देसं फुसति 4 देसेहिं देसे फुसइ 5 देसेहिं सव्वं फुसइ 6 सव्वेणं देसं फुसति 7 सव्वेणं देसे फुसति 8 सव्वेणं सव्वं फुसइ 1 ?, गोयमा ! णो देसेणं देसं फुसइ, णो देसेणं देसे फुसति, णो देसेणं सव्वं फुसइ, णो देसेहिं देसं फुसति, नो देसेहिं देसे फुसइ, नो देसेहिं सव्वं फुसति, णो सव्वेणं देसं फुसइ, णो सब्वेणं देसे फुसति, सम्वेणं सव्वं फुसइ 1 / एवं परमाणुपोग्गले दुपदेसियं फुप्तमाणे सत्तमणवमेहिं फुसति, परमाणुपोग्गले तिपएसियं फुसमाणे णिप्पच्छिमएहिं तिहिं फुसइ, जहा परमाणुपोग्गले तिपएसियं फुसावियों एवं फुसावेयव्यो जाव अणंतपएसियो 2 / दुपएसिए णं भंते ! खंधे परमाणुपोग्गलं फुसमाणे पुच्छा, ततियनवमेहिं फुसति, दुपदेसियं फुसमाणो पढमतइयसत्तमणवमेहिं फुसइ, दुपदेसियो तिपदेसियं फुसमाणो श्रादिल्लएहि य पच्छिल्लएहि य तिहिं फुसति, मज्झमएहिं तिहिं विपडिसेहेयव्वं, दुपदेसियो जहा तिपदेसियं फुसावितो एवं फुसावेयव्यो जाव अणंतपएसियं 3 / तिपएसिए णं भंते ! खंधे परमाणुपोग्गलं फुसमाणे पुच्छा, ततियट्ठणवमेहिं फुसति, तिपएसियो दुपएसियं फुसमाणो पढमएणं ततिएणं चउत्थछट्टसत्तमणवमेहिं फुसति, तिपएसियो तिपएसियं फुसमाणो सव्वेसुवि ठाणेसु फुसति, जहा तिपएसियो तिपदेसियं फुसावितो एवं तिपदेसियो जाव अणंतपएसिएणं संजोएयवो, जहा तिपएसियो एवं जाव अणंतपएसियो भाणियव्यो 4 // सूत्रं 216 // परमाणुपोग्गले णं भंते ! कालतो केवचिरं होति ? गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं उक्कोसेणं असंखेज्ज कालं, एवं जाव अणंतपएसियो 1 / एगपदेसोगाढे णं भंते ! पोग्गले सेए तम्मि वा ठाणे अन्नंमि वा ठाणे कालयो केवचिरं होइ ?, गोयमा ! जहराणेणं