________________ 346 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः : प्रथमो विभागः एवं बलेण सीलेण 4, 14, एवं बलेण चरित्तेण 4, 15, चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तंजहा--रूवसंपन्ने नाममेगे णो सुयसंपराणे 4, 16, एवं रूवेण सीलेण 4, 17, स्वेण चरित्तेण 4, 18, चनारि पुरिसजाता पन्नता तंजहा-सुयसंपन्ने नाममेगे णो सीलसंपन्ने 4, 11, एवं सुतेण चरित्तेण य 4, 20, चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा-सीलसंपन्ने नाममेगे नो चरित्तसंपन्ने 4, 21, एते एकवीसं भंगा भाणितव्वा, 20 / चत्तारि फला पन्नत्ता तंजहा-श्रामलगमहुरे मुदितामहुरे खीरमहुरे खंडमहुरे, 21 / एवामेव चत्तारि यायरिया पन्नत्ता तंजहा-यामलगमहुरफलसमाणे जाव खंडमहुरफलसमागो, 22 / चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तंजहा-- यातवेतावच्चकरे नाममेगे नो परवेतावच्चकरे 4, 23 / चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा–करेति नाममेगे वेयावच्चं णो पडिच्छइ, पडिच्छइ नाममेगे वेयावच्चं नो करेइ 4, 24 / चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा-अट्ठकरे णाममेगे णो माणकरे, माणकरे णाममेगे णो अट्टकरे, एगे अट्ठकरेऽवि माणकरेऽवि, एगे णो अट्टकरे णो माणकरे, 25 / चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा--गणट्टकरे णाममेगे णो माणकरे 4, 26 / चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा--गणसंग्गहकरे णाममेगे णो माणकरे 4, 27 / चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तंजहा--गणसोभकरे णामं एगे णो माणकरे 4, 28 / चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तंजहा-गणसोहिकरे णाममेगे नो माणकरे 4,21 / चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तंजहा- रूवं नाममेगे जहति नो धम्म, धम्म नाममेगे जहति नो रूवं, एगे स्वपि जहति धम्मपि जहति, एगे नो रूवं जहति नो धम्मं, 30 / चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तंजहा-धम्मं नाममेगे जहति नो गणसंठितिं 1, 31 / चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तंजहा-पियधम्मे नाममेगे नो दढधम्मे, दढधम्मे नाममेगे नो पितधम्मे, एगे पियधम्मेवि दढधम्मेऽवि, एगे नो पियधम्मे नो दधम्मे, 32 / चत्तारि अायरिया पन्नत्ता तंजहा--