________________ भीमत्स्थानाङ्गसूत्रम् :: अध्ययनं 4 ]. [ 325 अचिमाली पभंकरा 28 / इंगालस्स णं महागहस्स चत्तारि अग्गमहिसीयो पन्नत्तायो तंजहा-विजया वेजयंती जयंती अपराजिया 21 / एवं सब्वेसिं महग्गहाणं जाव भावके उस्स 30 / सकस्स णं देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिसीनो पन्नत्तायो तंजहा-रोहिणी मयणा चित्ता सोमा 31 // एवं जाव वेसमणस्स 32 / ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरन्नो सोमस्स महारन्नो चत्तारि अग्गमहिपीयो पनत्तायो तंजहा-पुढवी राती रयणी विज्जू 33 // एवं जाव वरुणस्स 34 ॥सू० 273 // चत्तारि गोरसविगतीयो पन्नत्तायो तंजहा-खीरं दहिं सप्पिं णवणीतं 1 / चत्तारि सिणेहविगतीयो पत्तायो तंजहा-तेल्लं घयं वसा णवणीतं 2 / चत्तारि महाविगनीग्रो पन्नत्तायो तंज़हा-महुँ मसं मजणवणीतं 3 ॥सू० 274 // चत्तारि कूडागारा पन्नत्ता तंजहा-गुत्ते णामं एगे गुत्ते, गुत्ते णाम एगे अगुत्ते, अगुत्ते णामं एगे गुत्ते, अगुत्ते णामं एगे अगुत्ते 1 // एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा-गुते णाममेगे गुत्ते 4 2 / चत्तारि कूडागारमालाश्रो पनसायो तंजहा-गुत्ता णाममेगा गुतवारा गुत्ताणाममेगा अगुत्तदुवारा श्रगुत्ता णाममेगा गुत्तदुवारा अगुत्ता णाममेगा अगुत्तदुवारा 3 / एवामेव चतारिस्थीयो पनत्तायो तंजहा-गुत्ता नाममेगा गुतिंदिता गुत्ता णाममेगा अगुत्तिंदिया 4 ॥सू० 275 // चउविहा योगाहणा, पन्नत्ता तंजहा-दबोगाहणा खेत्तोगाहणा कालोगाहणा भावोगाहणा ॥सू० 276 // चत्तरि पन्नत्तीयो अंगबाहिरियातो पनत्तायो तंजहा-चंदपन्नत्ती सूरपन्नत्ती जंबुद्दीवपन्नत्ती दीवसागरपन्नत्ती ॥सू० 277 // चट्ठाणस्स पढमो उद्देसश्रो॥ // इति चतुःस्थानकस्य प्रथमाद्देशकः // 4-1 //