________________ श्रीमत्स्थानाङ्गसूत्रम् / अध्ययनं 10 ] . [ 456 नेरइयाणं दस सागरोवमाइं ठिती पन्नता 4 / असुरकुमाराणं जहन्नेणं दसवाससहस्साई ठिती पन्नत्ता, 5 / एवं जाव थणियकुमाराणं 14 बायरखणस्सतिकातिताणं उक्कोसेणं दसवाससहस्साई ठिती पनत्ता 15 / वाणमंतरदेवाणं जहराणेणं दस वाससहस्साई ठिई पन्नत्ता 16 / बंभलोगे कप्पे उक्कोसेणं देवाणं दस सागरोवमाइं ठिती पन्नत्ता 17 / लंतते कप्पे देवाणं जहराणेणं दस सागरोवमाइं ठिती पनत्ता 18, 2 // सू० 757 // दसहिं ठाणेहिं जीवा श्रागमेसिभदत्ताए कम्मं पगरेंति, तंजहा-अणिदाणताते 1 दिट्ठिसंपन्नयाए 2 जोगवाहियत्ताते 3 खंतिखमणताते 4 जितिंदियताते. 5 अमाइल्लताते 6 अपासत्थताते 7 सुसामराणताते 8 पवयणवच्छल्लयाते 1 पवयणउम्भावणताए 10 ॥सू० 758 // दसविहे श्रासंसप्पयोगे पन्नते, तंजहा-इहलोगासंसप्पयोगे 1 परलोगासंसप्पयोगे 2 दुहतोलोगासंसप्पतोगे 3 जीवियासंसप्पतोगे 4 मरणासंसप्पतोगे 5 कामासंसप्पतोगे 6 भोगासंसप्पतोगे 7 लाभासंसप्पतोगे 8 पूयासंसप्पतोगे 1 सकारासंसप्पतोगे 10 // सू० 751 // दसविधे धम्मे पन्नत्ते, तंजहा-गामधम्मे नगरधम्मे रटुधम्मे पासंडधम्मे कुलधम्मे गणधम्मे संघधम्मे सुयधम्मे चरित्तधम्मे अस्थिकायधम्मे // सू० 760 // दस थेरा पन्नत्ता, तंजहा–गामथेरा नगरथेरा रहथेरा पसत्थारथेरा कुलथेरा गणथेरा संघथेरा जातिथेरा सुअथेरा परितायथेरा // सू० 761 // दस पुत्ता पनत्ता, तंजहा-अत्तते खेत्तते दिनते विराणते उरसे मोहरे सोंडीरे संबुद्धे उवयातिते धम्मंतेवासी // सू० 762 // केवलिस्स णं दस अणुत्तरा पन्नत्ता, तंजहा-अणुत्तरेणाणे, अणुत्तरे दसणे, अणुत्तरे चरित्ते, श्रणुत्तरे तवे, अणुत्तरे वीरिते, अणुत्तरा खंती, अणुत्तरा मुत्ती, श्रणुत्तरे अजवे, अणुत्तरे महवे, अणुत्तरे लाघवे // सू० 763 // समतखेत्ते णं दस कुरातो पनत्तायो, तंजहा-पंच देवकुरातो, पंच उत्तरकुरातो 1 /