________________ भीमत्स्थानाङ्गसन्नम् / अध्ययनं 10 ] [ 447 णमरहा दस वाससयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव प्पहीणे 3 / पुरिससीहे णं वासुदेवे दस वाससयसहस्साइं सब्वाउयं पालइत्ता छट्टीते तमाए पुढवीए नेरतित्ताते उववन्ने 4 / णेमी णं घरहा दस धणूई उड्डे उच्चत्तेणं दस य वासमयाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जावप्पहीणे 5 / कराहे णं वासुदेवे दस धणूई उद्धं उच्चत्तेणं दस य वासस पाइं सव्वाउयं पालइत्ता तचाते वालुयप्पभाते पुढवीते नेरतियत्ताते उववन्ने 6 / // सू० 735 // दमविहा भवणवासी देवा पन्नता, तंजहा-असुरकुमारा जाव थणियकुमारा 1 / एएसि णं दसविधाणं भवणवासीणं देवाणं दस चेतितरुत्रखा पत्नत्ता, तंजहा-बासत्थ सत्तिवन्ने सामलि उंबर सिरीस दहिवन्ने वंजुल पलास वप्पे तते त कणिताररुक्खे य॥ 1 // सू० 736 // दसविधे सोक्खे पन्नत्ते, तंजहा-श्रारोग्ग दीहमाउं अज्ज काम भोग संतोसे / अस्थि सुहभोग निक्खम्ममेव तत्तो प्रणाबाहे // 1 // // सू० 737 // दसविधे उवघाते पन्नत्ते, तंजहा-उग्गमोवघाते उप्पायणोवघाते जह पंचठाणे जाव परिहरणोवघाते णाणोवघाते दंसणोवघाते चरित्तोवघाते अचियत्तोवघाते सारक्खणोवघाते 1 / दसविधा विसोही पन्नत्ता, तंजहा-उग्गमविसोही उप्पायणविसोही जाव सारक्खणविसोही 2 // सू० 738 // दसविधे संकिलेसे पन्नत्ते, तंजहा-उबहिसंकिलेसे उवस्मयसंकिलेसे कसायसंकिलेसे भत्तपाणसंकिलेसे मणसंकिलेसे वतिसंकिलेसे कायसंकिलेसे णाणसंकिलेसे दसणसंकिलेसे चरित्तसंकिलेसे 1 / दसविहे असंकिलेसे पन्नत्ते, तंजहाउबहिअसंकिलेसे जाव चरित्तसंकिलेसे 2 / / सू० 731 // दमविधे बले पन्नत्ते, तंजहा-सोतिदितबले जाव फासिदितबले णाणबले दसणवले चरित्तबले तवबले वीरत्तबले // सू० 740 // दसविहे सच्चे पराणत्ते तंजहा-'जणवय सम्मय ठवणा नामे रुवे पडुच्चसच्चे य। ववहार भाव जोगे दसमे श्रोवम्मसच्चे य // 1 // 1 / दसविधे मोसे पन्नत्ते, तंजहा