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________________ (vi ) 24 .32 32-34 34-36 ज्योतिष्कों की गति का प्रमाण एवं ऋद्धि 94 से 96 ज्योतिष्क देवों के स्थान की सीमा .. और आभ्यंतर परिमाण 97 से 100 तारा, चन्द्र, नक्षत्रचन्द्र व नक्षत्रसूर्य का साथ, गति, काल परिमाण 101 से 108 जम्बूद्वीप आदि में चन्द्र, सूर्य, ग्रहों ___ आदि की संख्या __ 109 से 139 ज्योतिषियों के दो चन्द्र और दो सूर्यो का समह और पंक्तियों से चन्द्रमा का परिमाण 130 से 135 ज्योतिषकों की परिधि ताप क्षेत्र और गति 136 से 141 चन्द्र की हानि और वृद्धि 142 से 146 ज्योतिष्कों की गति और स्थिर विभाग 147 से 148 जम्बूद्वीप में चन्द्र सूर्यों की संख्या और अंतर 149 से 158. वैमानिक देव :कल्प वैमानिक देवों के बारह इन्द्र 162 से 166 अनुत्तर ग्रैवेयकों में इन्द्रों की अवस्था से सम्यग्दर्शन से गिरे हुए अन्यलिङ्गी पर्यन्त का उत्पन्न और निरूपण . 167 से 168 वैमानिक इन्द्रों की विमानसंख्या 169 से 174 वैमानिक इन्द्रों की स्थिति 175 से 179 वेयक देवों के नाम, विमानसंख्या, स्थिति आदि 180 से 183 अनुत्तर देवों के नाम, विमान, स्थान, स्थिति आदि 184 से 186 ग्रेवेयक अनुत्तरदेव विमानों का स्थान 187 से 188 वैमानिक देव विमानों का आधार 189 से 190 36-38. 40 40-42 42-44 43 44-46 46 .
SR No.004356
Book TitleDevindatthao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhash Kothari, Suresh Sisodiya
PublisherAgam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
Publication Year1988
Total Pages230
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_devendrastava
File Size12 MB
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