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________________ ( xxx ) वैमानिक देव-इसके बाद वैमानिक देवों के बारह भेदों ग्रेवेयक देवों के 9 भेदों और अनुत्तर वैमानिक देवों के पाँच भेदों का विस्तार से वर्णन किया गया है। विशेषरूप से इनके विमान, स्थिति, लेश्या, ऊँचाई, गंध, कामक्रीडा, अवधिज्ञान सीमा, आहार ग्रहण करने की इच्छा, उनके प्रासाद, प्रासादों का वर्ण आदि विवरण प्रस्तुत किया गया है, जिसे निम्न सारणियों द्वारा आसनी से समझा जा सकता है (गाथा 162 से 276) इन्द्रों के नाम विमानों का पृथ्वी की विमान संख्या प्रत्येक विमान .. आधार मोटाई में प्रासादों की (योजन में) संख्या सौधर्म ईशान सनत्कुमार माहेन्द्र ब्रह्म लान्तक महाशुक्र सहस्रार TIT 600 700 32 लाख , 500 28 लाख . 500 12 लाख 8 लाख 4 लाख 50 हजार 40 हजार 6 हजार 900. 200 900 150 900 700. घनोदधि 2700 घनोदधि 2700 घनवात 2600 घनवात 2600 घनवात 2500. अवकाशान्तर 2500 अवकाशान्तर 2400 2400 2300 2300 2300 2300 2200 2100 800 00 आनत 200 प्राणत 200 :::::. आरण अच्युत 900 ग्रेवेयक अनुत्तरदेव 1000 1100
SR No.004356
Book TitleDevindatthao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhash Kothari, Suresh Sisodiya
PublisherAgam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
Publication Year1988
Total Pages230
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_devendrastava
File Size12 MB
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