________________ व्याकरणिक विश्लेषण 139 मणिवेइयारम्मा [ ( मणि )- ( वेइअ )- ( रम्म ) 1/2] वेरुलियथूभियागा [ ( वेरुलिय )- (थूभियागा ) मूलशब्द 1/2 ] रयणामयदामऽलंकारा [( रयणामय )- (दाम)- ( अलंकार) 1/2 ] 255. तत्थ ( अ )- वहां य ( अ ) = और नोला ( नील ) 1/2 लोहिय (लोहिय) मूलशब्द 1/2 हालिद्दा (हालिद्द ) 1/2 सुक्किला (सुक्किल ) 1/2 विरायंति (विराय ) व 3/2 अक छ (छ) मूलशब्द 1/1 च्च ( अ ) = पादपूरक सए ( सअ) 1/1 उविद्धा ( उम्विद्ध ) 1/2 वि पासाया (पासाय ) 1/2 तेसु (त) 7/2 स कप्पेसु ( कप्प ) 7/2 256. तत्याऽऽसणा [ ( तत्थ ) + ( आसणा)] तत्थ ( अ ) = वहाँ पर आसणा ( आसण.) 1/2 बहुविहा ( बहुविह ) 1/2 सयणिज्जा ( सयणिज्ज) 1/2 य (अ) = और मणिभत्तिसयचित्ता [ (मणि)( भत्ति )-( सय )-(चित्त) 1/2] विरइयवित्थडदूसा [(विरइय - ( वित्थड ) - (दूस) 1/2] रयणामयदामsलंकारा [ ( रयणामय )- (दाम)- ( अलंकार ) 1/2 ] 257. पण्णावीसं* ( पण्णावीस ) 2/1 जोयणसयाई [ ( जोयण ) ( सय ) 1/2] पुढवीण ( पुढवी) 6/2 होइ ( हो) व 3/1 अक बाहल्लं (बाहल्ल) 1/1 बंभय-लंतयकप्पे [ ( बंभ ) 'य' स्वार्थिक (लंतय )- ( कप्प )7/1 ] रयणविचित्ता [( रयण ) ( विचित्त ) 1/2 ] य (अ) = और सा ( सा) 1/1 स पुढवी ... (पुढवी ) 1/1 * कभी-कभी प्रथमा विभक्ति के स्थान पर द्वितीया का सद्भाव पाया जाता है। (हेम प्राकृत व्याकरण 3/137 वृत्ति) - 258. तत्थ ( अ ) = वहाँ विमाण ( विमाण ) मूलशब्द 1/2 बहुविहा (बहुविह ) 1/2 पासाया ( पासाय ) 1/2 य ( अ ) = और मणि वेइयारम्भा [( मणि ) - ( वेइय )- ( रम्म ) 1/2] वेरुलियथूभियागा [ ( वेरुलिय )- (थूभियागा) मूलशब्द 1/2 ] रयणामयवामऽलंकारा [( रयणामय ) - ( दाम ) - ( अलंकार )1/2]