________________ व्याकरणिक विश्लेषण 107 116. नक्खत्तसहस्सं [ ( नक्खत्त ) - (सहस्स)1/1 ] एगमेव [(एग) + (एव)] एगं ( एग ) 1/1 एव ( अ ) = ही छावत्तरं ( छावत्तर ) 2/1 वि च (अ) = पादपूर्ति सयमन्न [ (सय) + ( अन्न) ] सयं (सय) 1/1 अन्नं ( अन्न) 1/1स छच्च (छ) 1/2 च (अ) = पादपूरक सया ( सय ) 1/2 छन्नउया (छन्नउय ) 1/2 गहग्गहा ( महग्गह) 1/2 तिन्नि (ति) 1/2 य (अ) = और सहस्सा (सहस्स) 1/2 * कभी-कभी प्रथमा विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग किया जाता है (हेम प्राकृत व्याकरण 3/137, वृत्ति) 117. अट्ठावीसं* ( अट्ठावीस ) 2/1 वि सयसहस्साई (सयसहस्स) 1/2 कालोदहिम्मि ( कालोदहि ) 7/1 बारस (बारस ) मूलशब्द 1/2 य ( अ ) = और सहस्साइ ( सहस्स) 1/2 नव ( नव ) 1/2 य ( अ )= पादपति सया ( सय ) 1/2 पन्नासा ( पन्नास) 1/2 तारागण कोडिकोडीणं [ ( तारा) - ( गण )- ( कोडि कोडि ) 6/2] * कभी-कभी प्रथमा विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग पाया जाता है ( हेम प्राकृत व्याकरण 3/137, वृत्ति) 118. चोयालं (चोयाल ) 1/1 चंदसयं [( चंद) - ( सय ) 1/1] चोयालं ( चोयाल ) 1/1 चेव [(च) + (एव)] च (अ) = और एव ( अ ) = ही सूरियाण ( सूरिय ) 6/1 सयं ( सय ) 1/1 पोक्खरवरम्मि ( पोक्खरवर ) 7/1 एए ( एअ ) 12 स चरंति " (चर). व 3/2 सक संबद्धलेसाया [ ( स )- (बद्ध ) भूकृ आनि ( लेसाया ) मूल शब्द 3/1] 119. चत्तारि ( चउ ) 1/2 च ( अ ) = पादपूर्ति सहस्सा ( सहस्स ) 1/2 बत्तीसं* ( बत्तीस ) 2/1 वि चेव [( च ) + (एव) ] च (अ) = और एव ( अ ) = ही होंति (हो) व 3/2 अक नक्खत्ता (नक्खत्त)1/2 छच्च [(छ) + (च)] छ(छ)1/2 च (अ) = पाद पूरक सया ( सय) 1/2 बावत्तर (बावत्तर) मूलशब्द 1/2