________________ देविदत्थओ बहिया उ माणुसनगस्स चंद-सूराणऽवट्ठिया जोगा। चंदा 'अभिईजुत्ता, सूरा पुण होंति 'पुस्सेहिं / / 153 / / चंदाओ सूरस्स य सूरा चंदस्स अंतरं होइ / पण्णास सहस्साई [तु] जोयणाणं अणूणाई // 154 // सूरस्स य सूरस्स य ससिणो ससिणो य अंतरं होइ / . . बहिया उ माणुसनगस्स जोयणाणं सयसहस्सं // 155 / / सूरतरिया चंदा, चंदंतरिया य दिणयरा दिता। चित्तंतरलेसागा सुहलेसा मंदलेसा य // 156 / / अट्ठासीइ च गहा, अट्ठावीसं च होंति नक्खत्ता / एगससीपरिवारो, एत्तो ताराण वोच्छामि // 157 // . छावद्विसहस्साई नव चेव सयाई पंचसयराइ। एगससीपरिवारो तारागणकोडिकोडीणं // 158 / / [जोइसियदेवाणं ठिई] वाससहस्सं पलिओवमं च सूराण सा ठिई भणिया 1 / पलिओवम चंदाणं वाससयसहस्समन्भहियं 2 // 159 // पलिओवम गहाणं 3 नक्खत्ताणं च जाण पलियद्धं 4 / पलियचउत्थो भागो ताराण वि सा ठिई भणिया 5 // 160 // पलिओवमट्ठभागो ठिई जहण्णा उ जोइसगणस्स / पलिओवममुक्कोसं वाससयसहस्समब्भहियं // 161 // 1. अभीइजुत्ता प्र० हं० सा० // 2. पूसेहिं सं०॥ 3. "रा ससिणो य अं° सा० // 4. "ट्ठासीयं च प्र० हं० सा० //