________________ देविदत्थओ एसो तारापिंडो सव्वसमासेण मणुयलोगम्मि। बहिया पुण ताराओ जिणेहिं भणिया असंखेज्जा // 127 / / एवइयं तारग्गं जं भणियं तह य मणुयलोगम्मि / चारं. कलंबुयापुप्फसंठियं जोइसं चरइ // 128 / / रवि-ससि-गह-नक्खत्ता एवइया आहिया मणुयलोए। . .. जेसिं नामा-गोयं न पागया पन्नवेइति // 129 / / [जोइसियाणं पिडगाइ पंतीओ चंदाइपमाणं च] छावलुि पिडयाई चंदाऽऽइच्चाण मणुयलोगम्मि / दो चंदा दो सूरा य होंति एक्केक्कए पिडए // 130 // छावर्द्वि पिडयाइ नक्खत्ताणं तु मणुयलोगम्मि / छप्पन्नं नक्खत्ता य होंति एक्केक्कए पिडए // 131 // छावट्ठी पिडयाई महग्गहाणं तु मणुयलोगम्मि / छावत्तरं गहसयं च होइ एक्केक्कए पिडए // 132 / / चत्तारि य पंतीओ चंदाऽऽइच्चाण मणुयलोगम्मि / छावढि छावढि च होई' इक्किक्किया पंती // 133 / / छप्पन्नं पंतीओ नक्खत्ताणं तु मणुयलोगम्मि / छावटुिं छावर्द्वि च होइ इक्किक्किया पंती / / 134 // छावत्तरं गहाणं पंतिसयं होइ मणुयलोगम्मि। छाट्ठि छावद्धिं च होइ इक्किक्किया पंती // 135 // जोइसियाणं मंडला तावखेत्तं गई य] ते 'मेरुमणुचरंती पयाहिणावत्तमंडला सव्वे / अणवट्ठिएहिं जोएहिं चंद-सूरा गहगणा य // 136 / / 1. होइ एक्किक्कि पंतीए सं० // 2. मेरुमाणुसुत्तर पया' प्र० सा० //