________________ चित्र परिचय इस आदर्श जिन दर्शन चौवीसी में अनुक्रम से चौवीस तीर्थकरों के बहुरंगी चित्र अशोक वृक्ष आदि आठ महा प्रातिहार्य युक्त दिए गये हैं, तथा उनके दोनों तरफ उनके शासन रक्षक और यक्षिणियों के रंगीन चित्र शास्त्रानुसार प्रमाणोपेत दिये गये हैं। पचीसवां चित्र श्री सूरिमंत्राधिष्ठाता गणधर श्री गौतमस्वामी का है, उसकी चारों दिशाओं में क्रमशः सरस्वती देवी, त्रिभुवनस्वामिनी देवी, लक्ष्मी देवी और गणिपिटक यक्षराज के चित्र है।