________________ 152] अट्टमो वग्गो हेत्ता जेणेव अजचन्दणा अजा तेणेव उवागया अजचन्दणं अजं वन्दइ नमसइ,२ एवं क्यासी-“इच्छामि णं, अजाओ, तुझेहिं अमनाया समाणी अट्ठट्टमियं भिक्खुपडिमं उवसंपजित्ताणं वितरित्तए"। "अहानुहं..."तएणं सासुकण्हा अजा अजचन्दणार अब्मन्नाया लमाणी अभियं भिक्खुपडिमं उवसंपजित्ताणं विहरइ, पढमे अट्ठए एकेकं भोयणस्स दत्तिं पडिगाहेइ एवं पाणगस्स, जाव अट्ठमे अट्ठए अष्ट भोयणस्स पडिगाहेइ अट्ट पाणगस्स / एवं खलु एवं अट्टामियं भिक्खुपडिमं चउसठ्ठीए राईदिएहिं दोहि य अट्ठासीएहि भिक्लासरहिं अहा...जाय नवनवामियं भिक्खुपडिमं उवसंपतिमा विहरइ, . पढमे नवए एककं भोयणस्स दत्तिं पडिगाहेइ एकेक पाणयस्स, जाव नवमे नवए नव नव दत्ती भोयणस्स पडिगाहेइ जव नव पाणयस्स / एवं खलु नवनवामियं भिक्खुपडिमं एकासीइराइदिएहिं चरहिं पञ्चत्तरेहि भिक्खासएहिं अहासुत्ता...दसदसामियं भिक्खुपडिमं उवसंपजिसाणं विहरइ, पढमे दसए एककं भोयणस्स पडिगाहेइ एकेक पाणयस्स, जाव इसमे दसए दस दस भोयणस्स दत्ती पडिगाहेइ दस दस पाणयस्त। एवं खलु एयं दसदसमियं भिक्खुपडिम एकेण राइंदियसएणं अद्धछोहिं भिक्खालएहिं अहासुतं जाव आराहेइ / 2 बहूहिं चउत्थ जाव मासद्धमासविविहतबोकम्मेहि अप्पाणं भावेमाणी विहरइ / तए सा सुकण्हा अजा तेणं ओरालणं जाव सिद्धा५ // 152 / / एवं महाकण्हा वि, नवरं खुड्डागं सवओभदं पडिमं उव