________________ नमः यी नारिसपाश्र्धनाथाय विग्रहव्यावर्तनी-वृत्ति पाठान्तराणि. g.o.5. XLIX ===ERषेत्र सर्वत्र===== ===== ========== wittor=== संज्ञेति (संज्ञेऽपि) यद्यत्यतच्न्याः -------------------------..------ यार--- --------- यन्नेवोभयसामण्यामरिताहेतप्रत्यय-रब FANWE मे ............साम जीविनिमुक्त -------------बाले बगल या गोगस या .....................--------. "यलेऽपि नास्ति। उभय सामग्री विनिमत --- ------तस्मानिःस्वभाव ------------------------------- तस्मादिदं निःस्वभावं----- R 15ोरम में -यस्मान्तिःस्वभावं-------------- V.T. Omits. - (1) किं कारण --- ---------VT: 0miter - भूत्वा ------------ पूर्वा 'म CD