________________ ये लेखनाचार्य अनुत्पतिसम-=-=मयदया: अनुक्तालमा यास यारे व अप्रतीत (साध्यत्वेन दृष्ट) दाभदायर यार या साधयितुम् एष्टः दाई दार उदावन' केमा वादा अपवाद वाद उरम एव जारसूत्पदाः अव्यभिचार, अव्यभिचारिन् / हे निश्चय------- नरेगा मेरा धनाभाव विरुद्धा राम RAAZaa में यख अव्यभिचारन् 12 या भवत्व य लेख ऐ रस यानर र ठेग ययार का धर्मम्वरूपविपरीतसाध्य शशु स्यारोटा अनन्य.. धमवियोपविपरीतसाधन रियस भेर या वैफल्य------..----- शेशमा मेयः अविशेष ोया भे : अवशेष मोरयरमेर विशेष रसोशियोद- अनर्धकः-- 1 -- - - ... . .