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________________ परिशिष्ट-८ परिशिष्ट-८] / / योगविंशिकाटीप्पण्याम् उपयुक्तानि ग्रंथरत्नानि / / क्रम ग्रंथरत्न प्रकाशकाः 1. अध्यात्मसारप्रकरणम् 2. आचाराङ्गसूत्रम् 3. आवश्यकनियुक्तिः 4. उपदेशपदप्रकरणम् 5. उपदेशमालाप्रकरणम् 6. उपदेशरहस्यप्रकरणम् 7. गच्छाचारपयन्ना 8. गुणस्थानकक्रमारोहः 9. चैत्यवन्दन महाभाष्यम् 10. ज्ञानसारप्रकरणम् 11. ज्ञानसार-स्वोपज्ञ-टबार्थयुक्तम् 12. तत्वार्थसूत्रम् 13. द्वात्रिंशद्-द्वात्रिंशिकाप्रकरणम् 14. ध्यानशतकप्रकरणम् 15. पञ्चसूत्रम् * 16. पञ्चाशकप्रकरणम् 17. पातञ्जलयोगसूत्रम् 18. पिण्डनियुक्तिः 19. प्रतिमाशतकप्रकरणम् 20. प्रवचनसारः 21. योगदृष्टिसमुञ्चयप्रकरणम् 22. योगबिन्दुप्रकरणम् 23. योगशतकप्रकरणम् 24.. योगशास्त्रम् भद्रंकर प्रकाशन महावीर जैन विद्यालय आगमोदय समिति जिनशासन आराधना ट्रस्ट जिनशासन प्रकाशक ट्रस्ट अंधेरी जैन गु. मू.पू. संघ आगमोदय समिति हर्ष-पुष्मामृत जैन ग्रन्थमाला देवचन्द लालभाई जैन-आत्मानंद सभा जैन-आत्मानंद सभा, भावनगर देवचन्द लालभाई पु. फंड, सुरत रामचन्द्रसूरीश्वर आराधना भवन, रतलाम आगमोदय समिति जैन-आत्मानंद सभा, भावनगर जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर चौखम्बा संस्कृत सिरीज, वाराणसी देवचन्द लालभाई पु. फं. सुरत गीतार्थ गङ्गा श्री जैनस्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट, सोनगढ जैनग्रन्थप्रकाशक सभा, अहमदाबाद दिव्यदर्शन ट्रस्ट दिव्यदर्शन ट्रस्ट जैन साहित्यविकास मंडल
SR No.004345
Book TitleYogvinshika Prakaranam
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorYashovijay Gani, Kirtiyashsuri
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2007
Total Pages214
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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