________________ - नयायुततरङ्गिणी-तरङ्गिणीतरणिभ्यो समहतो नयोपदेशः / कत्वोको 327-7 सनप अशुद्धम् शुद्धम् पत्र-पतिः अशुद्धम् शुद्धम् पत्र-पतिः अशुद्धम् शुद्धम् पत्र-पतिः त्पत्तिं ता त्पत्ति, ता 307-4 | नियुक्त निरुक्क 322-21 | क्षया . क्षाया. 336-34 तापत्ति तोत्पत्ति 307.5 | दोषस्थि दोपस्थि 323-33 | तौति कि तीति / कि 337-10 नैक नैक- 307-31 दृष्टव्य द्रष्टव्य 325-2 व्रीहितुष व्रीहितुष- 337-19 तावमा तौतावव 308-32 यागादेकैम यागादेकैकम 326-36 फलः फल 335-23 त्वोचो 309-2 मुजायते मुपजायते 326-36 स्यनि स्य नि 337-25 प्रसन्न 309-30 एवं दिकं, 335-26 स्वप्न स्वाप्न 312-8 कर्म 327-18 मं न च 337-32 चैतन्य चैतन्य- 312-13 ते तत्रा ते स तत्रा 327-20 इति ___ इति- 338-5 भावेन भावे न 312-17 लिजादि लियादि 327-24 जनतत जननत- 338-17 वाचकत्वा वाधका 312-20 | केशाप्रत्व केशत्व 328-22 सी ति सीती- 338-30 सदेक सहेक 312-24 | तस्य तस्य विधानं 328-24 | मिति प मितिप . 334-31 श्रुतिः सु श्रुतिःसु 312-38 केशाप्रवमिति- केशत्वमित्य परोक्षत्वादि परोक्ष्यत्वादि 339-7 प्रमाणम् प्रमाणम् / 312-38 विशेषस्य वस्थाविशेषस्य 328-26 | समानाधि सामानाधि 339-8 सनाप 313-27 धीतत्येवं घीतेत्येव 328-27 कं त्वं पार- कं तदा रूपत्वा रूपत्वा- 314-8 विधावीत्यर्थः। विधा मार्थिकं तदा 339-35 पचना वचना- 314-11 वित्यर्थः। 329-15 दिपा दि यदि पा. 339-36 मेकपरं - शास्त्रीयाः शास्त्रीया 314-15 | स्यादेवेत्यर्थः वाक्यभेदः मेकमपरं 339-16 समिधाया समिद्या 314-21 स्यादेवेत्यर्थः 329-24 परोक्षात्वा परोक्षत्वा 340-9 न्यानामे व्यामा युगानामे 316-21 स्पयष्टति स्पष्टयति 329-34 सीति वा सीतिवा 340-3 कः, 316-61 कपदानां कपदोपात्तानां 330-2 | तदुक्त तदुक्त तद्युत 340-35 स्याहार स्याहकार 316-32 नं यत्र दृ नं दृ 330-30 मुच्यते- मुच्यते 341-12 प्रेमेय- प्रमेय- 317-23 करणा. कारणा 332-29 तिष्ठित'. तिष्ठत 341-18 परमप्रे परप्रे 317-30 यदीम यदीदम 333-34 निर्वर्तनीय निर्वचनीय 341-21 परत्वेमाना परमत्वे स्वराज्य स्वाराज्य 334-1 त्वम्- त्वम् 341-25 मानाभावा 318-1. वाध्यते बाध्यते 334-, निवृत्ति निवृत्तिनिवृत्ति 341-28 रश्चि 318-23 न्यायत्वा न्याध्यत्वा 334-9 | सत्येवा सत्यैवा - 341-29 चिदात्मनो चिदात्मन 318-25 कारका कारकाका 335-6 सङ्को चोऽप सोचोऽपि प 342-8 भोगाय- भोगाय 318-30 | श्रवणा- श्रवणाङ्ग 335-14 | ति वा तिवा 342-9 पश्चाक पञ्चात्मक 319-30 | न्येवं न्येव 335-24 विशेषणा विशेषा 342-29 तिस्तं तितिषादस्थ- | प्रकारेण प्रकरणेना 335-26 | इत्येनना इत्यनेना 342-30 पतिस्तं 321-14 | वेदकं / वेदकत्वम् 335-27 | स्या प स्याप 342-38 निर्धर्मि निर्धर्म 321-24 | ति क तिक 335-30 | च्या स्यान्ता ध्यात्यन्सा 344-4 वहित्व वहितत्व 321-30 | रेण- रेण 336 20 | नख केशा नख- केशा 344-28 निश्चयेना निश्चये ना 322-10 तस्याओं- तस्याओं 336-24 | नात्स्येवे नास्मेवे . 344-32 शस्यव शस्याव ३२२-११माणदेव माणादेव 336-31 / त्वभावामा 344-34 रचि