________________ i 39) "तत्र साधम्या ताका fའི| ཞoཙཞ: ནd; इति / अभिधेयहेतोरक्तलक्षणस्य བའཁོཇུག་༩ལེ l सपक्ष उक्तलक्षणस्तस्मिंश्चास्तित्वं विद्यमानत्वं ख्याप्यते प्रतिपाद्यते वचनेन / “དི་ལ་ཆོས་མཐུན་པ་ཉིད་ཀྱིས་ནི་རེ་ཞིག” ཅེས་བྱ་སྟེ། རེ་ཞིག་ གི་སྒྲ་ནི་, གོ ་རིམ་ (གསལ་པའི་)དོན་དུའོ།། - “གང་ལ་ ཞེས་བ་ནི། བརྗོད་པར་བྱ་བ་ བཤད་ཟིན་པའི་མཚན་ཉིད་ཅན་གྱི་རྟགས་ “མཐུན་པའི་ཕྱོགས་ཉིད་ལ་ཡོད་པ་ཉིད་དུ་སྟོན་པ་སྟེ།༧ (དེ་ཡང་) བཤད་མ་ཐག་པའི་མཚན་ཉིད་ཅན་གྱི་མཐུན་ཕྱོགས་དང་། དེ་ལ་ ཡོད་པ་ཉིད་དེ་, རྣམ་པར་གནས་པ་ཉིད་སྟོན་པར་བྱེད་བ་སྟེ, བརྗོད་པས་སྒྲུབ་ པར་བྱེད་ (ཅེས་)བའ།། as). ཆའེ་ཞུ་ "तद्यथा, यत्कृतकं तदनित्यं दृष्टं यथा घटादिरिति // यत्कृतकं तदनित्यं यथा घटादिः इति सुगमम् / अनेन साधनदृष्टान्ताभासः // དེ་ཡང་འདི་ལྟར “འདི་ལྟ་སྟེ། གང་བྱས་བ་ཉིད་ཡིན་པ་དེ་, མི་རྟག་བར་མཐོང་ 1) तद्यथा तः इति याक्त सूत्र मूलवृति में नहीं लिखा है। वृत्ति में यत्कृतक... इत्यादि से वाक्य आरम्भ होता है / “यद्यथा..."इत्यादि सूत्र यहां विषय के उपस्थापन की दृष्टि से ही रखा गया है,