________________ न्यायविशारद न्यायाचार्य महोपाध्याय श्रीमद् यशोविजयजीकृत ग्रन्थोनी यादी. [वि. सं. 2026] संस्कृत-प्राकृत भाषाना उपलब्धः ग्रन्थो नोंध-अहींआ बोजीवार सुधारेली विस्तृत सूची रजू थाय छे. आज सुधीमां तेओश्रीना नामे अन्य मुद्रित ग्रन्थोमां अनेक यादीओ प्रगटः थयेली छे. ते पैकी आ यादो सहुथी शक्य एटली वधु चोकसाइ करीने, व्यवस्थितरीते अने नवा घणा ग्रन्थोने उमेरवा पूर्वक प्रगट थई रही छे. अलबत ग्रन्थांतर्गत आपेला केटलोक नाना नानां वादोने रजू कर्या नथी. अहीं आपेला नामोमां-केरलाक ग्रन्थोना, तेनी हस्तलिखित प्रतमां नामान्तरो पण जोवां मल्यां छे एमना नामे खोटी रीते चढेली कृतिओनी नोंध अत्रे नथी आपी. वळी कोई कोई कृतिओ एमनी ज छे के केम ? ते हजु प्रश्नार्थक रुपे ज रही होवाथी तेनी नोंध पण नथी आपी. वळी अद्यावधि अज्ञात रहेली कृतिओ आपणा ज ज्ञानभंडारोना सूचीपत्रोमां बीजाना नामे चढेली छे. तेमज आगळ पाछळ तेओश्रीनुं नाम न होवानां कारणे अनामी तरीके ज उल्लिखित थयेली केटलीक कृतिओ भविष्यमा हस्तगत थवा संभव छे. मु. य. वि. 1 अज्जप्पमय परिक्खा 10 उवएस रहस्त 18 ज्ञानार्णव (अध्यात्ममतपरीक्षा) (उपदेश रहस्य) स्वोपज्ञटीका सह (1) ___ स्वोपज्ञटीका सह स्वोपज्ञटीका सह. +19 चक्षुप्राप्यकारितावाद +2 अध्यात्मसार +11 ऐन्द्रस्तुतिचतुर्विशतिका +20 तिङन्वयोक्ति *x 3 अध्यात्मोपनिषद् स्वोपज्ञटीका सह 21 देवधर्मपरीक्षा 4 अनेकान्त [मत]व्यवस्था +12 कूवदिन्त विशई करण 22 द्वात्रिंशद्वात्रिंशिका (कपदृष्टांत विशदीकरण) ___ [अपरनाम-जैनतर्क स्वोपज्ञटी सह 23 धम्मपरिक्खा +5 अस्पृशद्गतिवाद स्वोपज्ञटीका सह (धर्मपरीक्षा) - [अपरनाम:आध्यात्मिकमत- 13 गुरुतत्त विणिच्छय . स्वोपज्ञटीका सह खण्डन स्वोपज्ञटीका सह] (गुरुतत्त्वविनिश्चय) 24 नयप्रदीप + आत्मख्याति * स्वोपज्ञी सह +25 नयरहस्य +8 आराधकविराधक . 14 जइलक्खण समुच्चय 26 नयोपदेश चतुभंगी (यतिलक्षण समुच्चय) स्वोपज्ञटीका सह स्वोपज्ञटीकासह 15 जैन तर्कभाषा +27 न्यायखण्डनखाद्य टोका +9 आर्षभीय चरित्र 16 ज्ञानबिन्दु [स्वकृत 'महावीरस्तव' मूल महाकाव्य *x 17 ज्ञानसार उपर] * आQ चिह्न अमुद्रित ग्रथनुं सूचक समजवु. *x आवां बन्ने प्रकारनां चिह्नो अमुद्रित उपरांत अपूर्ण अने खण्डित कृतिओ माटे समजवां. + आवो निशानीवाळा ग्रन्थो उपाध्यायजीना स्वहस्तथी लखाएला प्रथमादर्शरुपे समजवा. (?) आq चिह्न, कृति उपाध्याय जोनी छे खरी ? तेनी शंका दर्शावतुं समजवु.