________________ [प्राकृत यंत्र-चित्रो हृदये अनाहतचक्रं चतुर्थम्। हामानती| रोहिणी रोहिणीपज्ञप्ती मानसी महामा अः | अ * अरि आ क्या अच्छुप्ता/मा हात्ती वजशृंखला Tii यसा 15/16 1314/ ओ नवी | वैरोट्या जे | श्रीगौतमस्वामिने नमः त | सि बजांकुशी चक्रेश्वरी व 9.10/ शय द्ध महाज्वालामाल 16/20 ॐ आ यरि की नरदत्ता को औरी गांधारी पाली महाकाली यंत्र-चित्र नं. 10] [पृष्ठ : 396, पं. 31 कण्ठे विशुद्धिचक्रं पञ्चमम् / सी अजितबला दुरिताशि की सिद्धायिका चक्रेश्वरी मातंग गोमुख िित्रशला मरुदेवी विन हायक्ष त्रिमुख यक्षनाया जया सेना सिद्धाक्षी Aअंबिका पद्मावती भृकुटि गोमेधा (क्रषभ अर्जित संभव नयनरदत्ता गांधारी। उतारिरीकालिका महाका शिवा वामा लिनेमि पाव/ 24|1/2 23/4 122/12/ देवी प्रभावती पमा अभाव अभिनंदन मुमति मिलि मुनिमुक्त नामि श्री मंगला सुसीमा धारिणी धरणप्रिया सायक्षेद | कुबेर कथुअर मल्लिन को महाकाला श्यामा। बुर कुसुम मातंग 8126 अहँ नमः ति पद्मप्रभासुपाश्चात अविरा श्री देवी 95 16/17/ 8/s/s12 गरुड गन्धर्व र गामा शांता भक Leelab त धर्म शांति वाणी बलाधर JHALAYATRIDDENTRE शुयशा सुव्रता अति FVERATION विजय अजित (भृकुटि सुतारका अशी कंदपो निर्वाणी पाताल किन्नर गरु यसवामुल्यावमल जया श्यामा/सी गमा नंदा विष्ण विदिता अंकुशा कंद दि कुमार षणमुस्व। त ब्रह्मा यक्षेट अशोका मानवी वी चण्डा | विदिता) यंत्र-चित्र नं. 11] [पृष्ठ : 397, पं. 15 .