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________________ विभाग] 407 नमस्कार स्वाध्याय / [ इयं परिवर्तस्थापना ] | 1 | 1 | 2 | 6 24 | 120 / 720 5040 40320 मुक्त्वा पञ्चक-त्रिक-द्विकैकाः षट्पटसंख्यान् वारान् स्थाप्याः। ततः समयभेदकरं त्रिकं मुक्त्वा पञ्चक-चतुष्कद्विकैकाः षट्पट्संख्या स्थाप्याः / ततः समयभेदकरं द्विकं मुक्त्वा पञ्चक-चतुष्क-त्रिकैककाः षट्पसंख्याः / स्थाप्याः / ततः समय-भेदकरमेककं त्यक्त्वा पञ्चक-चतुष्क-त्रिक-द्विकाः तावतस्तावतो वारान् स्थाप्याः। जाता चतुर्थी पतिः संपूर्णा / अथ तृतीयपङ्कौ द्विकरूपपरिवर्ताकः ततः पञ्चकं चतुष्कं च समयभेदकर मुक्त्वा त्रिक-द्विकैकका द्विर्द्विः स्थाप्याः। ततः पञ्चकं त्रिकं च मुक्त्वा चतुष्क-द्विकैकका द्विर्द्विः स्थाप्याः / ततश्चतुष्क-त्रिकैककास्ततश्चतुष्क-त्रिक-द्विकास्ततः पञ्चक-द्विक-द्विकाः, एवमन्त्यादयोऽङ्काः समयभेदकरानकान् मुक्त्वा द्विर्द्विः 10 स्थाप्याः। तावद् यावत् संपूर्णा तृतीया पतिः स्यात् / आदिपतिद्वये च शेषावतौ पूर्वभङ्गे क्रमात् द्वितीयभङ्गे तूत्क्रात् स्थाप्यौ / यावद् द्वे अपि पती संपूर्ण स्याताम् // 13 // समयमेदस्वरूपमाह जम्मि य निक्खित्ते खलु सो चेव हविज अंकविनासो। सो होइ समयभेओ वजेयव्वो पयत्तेण // 14 // व्याख्या-स्पष्टा // 14 // 15 श-उपरना अंकोने त्यां सुधी मूकवा के ज्यां सुधी बधा भंगोनी संख्या पूरी थई जाय / अहीं विशेषता एटली समजवी के प्रथम बे पंक्तिओमां बाकीना बे अंकोने क्रम अने उत्क्रमथी मूकवा // 13 // वि०–अहीं भंगनो प्रस्तार करवानी जे विधि दर्शावी छे ते बराबर समजी लईए। दाखला तरीके पांच पदना भंगनो प्रस्तार करवो छे तो पंचकनी परिवतांक संख्या लेवी। 20 ऊपर जणाव्या मुजब पंचकनी परिवर्ताक संख्या 24 छे, तो पश्चानुपूर्वी क्रमथी एटले 5, 4, 3, 2, अने 1 ना अंकोने छेल्ला अंक तरीके चोवीस चोवीस वार लखवा ते आ प्रमाणे जूओ पृ० 408 परनां कोष्ठको। श-जे अंकने मूकवाथी ते ज अंक-रचना एटले बने सरखा अंको पासे पासे आवी जाय तेने समयभेद समजबो. ते अहीं प्रयत्न-पूर्वक छोडी देवो. // 14 // 25 1 'पञ्चक' पदं निर्गलितं A प्रतौ। 2 'संख्या' इति पदं A प्रतौ भ्रष्टम् / 3 °चतुष्कास्तावत् त्रिकद्विकास्तावतो / 4 'समयभेदकर पदं न विद्यते A प्रतौ।
SR No.004340
Book TitleNamaskar Swadhyay Prakrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vardhak Sabha
Publication Year1961
Total Pages592
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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