________________ विभाग] नमस्कार स्वाध्याय। तथा प्रश्ना रुद्रगुणा नामयुता च षष्टिभिर्भागः मृत्यु- यंत्र नं. 3 मातृकाचक्रम् / संवत्सरः 1 / प्रश्ना एकोनविंशतिगुणा नामयुताः संवत्सरनाम्नो 6 | 3 | 2 | 4 | 7 || 4 | 3 | 1 |10|| अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं हीना द्वादशभिर्भागः, शेषाः श्रावणादिमासाः 2 / प्रश्नाः / / क ख | ग घ ङ च छ | ज | झ ञ ट दशगुणा द्वयहीनाः त्रिशद्भिभोगः, [शेषा] पाणिमादितिथिः। ठ ड ढ ण | त | थ | द | ध | न | 4 | फ| प्रश्नाश्चतुर्गुणाः करयुताः शेषः... कालः // ब भ म य र ल | व | श | ष | स | ह 5 चउदह अट्ठा(सत्ता?)वीसा बि-बारस पनरस छ चउरोय यंत्र नं. 4 आयचक्रम् / एगारस सत्तरसं अट्ट य नवमं जयं जुज्झे // [26] |14|27| 2 |12|15/6 | 4|11|17/8/9 प्रश्ननामकं च अष्टभिर्भागो हार्यः। एवमधिकः तस्य | अ आ | इ | ई | उ | ऊ | ए | ऐ | ओ औ | अ क | ख | ग | घ | ङ | च | छ | ज | झ | अ ट जयं वदेत् / तथा ऋतु-हरनयन-कराम्बुधि-मुनि-रस-वेदाग्नि-13 | ड | ढ | ण | त | थ | द | ध | न | 4 | फ| चन्द्राहि-दुर्गाः विज्ञसाधा (?) लिखेत् // ब भ म य र ल व श ष स ह 10: .. अकारादयः सर्ववर्णाश्च यंत्र नं.५ ध्व 1 सिं३ खर 6 ग 7 वृ५ वा 8 श्वा 5 धूम 2 उत्तर 1 अधर 2 उत्तरोत्तर 3 अधराधर 4 ज han Fhy RPF Febr 8 60. BF न 10 दग्ध म 11 ओलि 5 अं 12 श 9. ष 10 अः 13 हृतातुरनानोऽरिवसुभिः संशोधितासु मात्रासु / जीवत्यधिके रोगी म्रियते हीने समे व्याधिः॥ [27] परं प्रश्नं मध्येकृत्वाऽन्वेषणीयम् // * पूर्वमुखो विशेषज्ञः, उपविष्टः शुचिस्तथा। बालो वा अथवा कन्याप्रश्नोऽपि पृच्छयते ततः॥ [28] मध्ये च स्थापयेत् कुम्भ, सहिरण्यं सवस्त्रकम् / पल्लवैः संयुतं पूज्यं, अक्षतैस्तु प्रतिष्ठितम् // [29] नह घड व इ ल मज्झे इंदाई पायडं चक्कं / यंत्र नं. 6 इंदाईचक्रम्। नटुं दावेइ धणं इय कहियं वग्गसारेण // [30] |रेचं अचंभ चं कृ चंम चं| पू। उ एते द्रव्याक्षरा ज्ञेयाः, नवभागेन लक्षयेत् / शेषनास्ति विजानीयाद, ज्ञातव्यं यत्नतोवधैः॥[३] उ | पू चं | श चं| रो | अचं पु चं| ह अचं | श्र चं | ध चं| मृ | आ | पु चं | चि भूमिस्थं चान्तरस्थं च, जलस्थं चावलम्बितम् / / स्थानस्थं पञ्चमं प्रोक्तं, द्रव्यं ज्ञेयं विशेषतः | उ चं| पू चं मू | ज्ये | अ | पि | स्वा 20 / 32 . * अत्र 'चउदह” गाथा पुनर्लिखिताऽऽदर्शे नात्रोद्भियते //