________________ ___प्राकृत 202 सिद्धनमस्कारावलिका। नमो दुविहगंधविमुक्काणं सव्वसिद्धाणं // 98 // नमो पंचविहरसविसेसरहिआणं सव्वसिद्धाणं // 99 // नमो अट्ठविहफासविसेसविप्पमुक्काणं सव्वसिद्धाणं // 10 // नमो जम्म-जरा-मरणविप्पमुक्काणं सव्वसिद्धाणं // 101 // नमो अविचलपयसंठिआणं सव्वसिद्धाणं // 102 // नमो अट्ठविहकम्मकलंकविप्पमुक्काणं सव्वसिद्धाणं // 103 // नमो सव्वसंजोग-विउ(ओ)गविप्पमुक्काणं सव्वसिद्धाणं // 104 // नमो पारगयाणं सव्वसिद्धाणं // 105 // नमो परंपरगयाणं सव्वसिद्धाणं // 106 // नमो लोगग्गमुवगयाणं सव्वसिद्धाणं // 107 // नमो अणंताणंतगुणमणिमंडिआणं सव्वसिद्धाणं // 108 // इति सिद्धनमस्कारावलिका // बे प्रकारना गंधथी विशेषे करीने मुकाएला सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 98 // पांच प्रकारना रसविशेषथी रहित सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 99 // आठ प्रकारना स्पर्शविशेषथी विशेषे मुकाएला सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 10 // जन्म, जरा अने मरणथी सर्वथा मुकाएला सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार याओ // 101 // अविचळ पदमा संस्थित सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 102 // आठ प्रकारना कर्मरूप कलंकथी सर्वथा मुकाएला सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 103 // सर्व प्रकारना संयोग अने वियोगथी सर्वथा मुकाएला सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ॥१०४॥ (संसार समुद्रने ) पार पामेला सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 105 // परंपराने पामेला सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 106 // लोकना अग्रभागने संप्राप्त थयेला सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 107 // अनंतानंत गुण-मणिओथी विभूषित एवा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 108 // परिचय अगाउ नं. 10 नो परिचय आपवामां आव्यो छे ते 'अर्हन्नमस्कारावलिका'नी सायोसाथ आ 'सिद्धनमस्कारावलिका 'नी चार पत्रनी प्रति हती तेमांथी ज आ पाठ लई, सेने अहीं संपादित करी अनुवाद साथे आप्यो छे। 1 गुणश्रेणीनी परंपराने।