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________________ नमस्कार स्वाध्याय आवे। श्री नमस्कार महामंत्रना संशोधको तथा आराधकोने आ साहित्यसामग्री अनेक रोते उपयोगी थशे एवी आशा छ। प्रस्तुत ग्रंथमाथी उपस्थित थतां 17 यंत्र-चित्रो तेमज बीजां उपयोगी यंत्रो तथा चित्रो ग्रंथने छेडे आपवामां आव्यां छे। प्रथम त्रण यंत्र-चित्रो पुस्तकना आकार करतां मोटां होवाथी जुदी जुदी योग्य जगाए मूक्यां छे। ग्रंथनी शरूआतमां पण पांच चित्रो आपवामां आव्यां छे। आ चित्रोनी सूचि तथा ढूंक परिचय हवे पछी आप्यो छे। आ ग्रंथना संपादनकार्यमा अनेक हस्तप्रतो अने आधारभूत ग्रंथोनो उपयोग करवामां आव्यो छे। ते बधानी नोंध करीए तो घणी मोटी यादी तैयार थाय, परंतु घणीखरी प्रतो अने प्रकाशित ग्रंथोनो उल्लेख दरेक स्तोत्रना छेडे आपेल परिचयमा कर्यो छे एटले तेनी जुदी यादी आ ग्रंथमां आपी नथी। आवी एक विस्तृत यादी श्री नमस्कार महामंत्रना अभ्यासीने अवश्य उपयोगी बने अने तेनो श्री 'नमस्कार स्वाध्याय' ना छेल्ला विभागमा समावेश करी लेवानी भावना छे। तदुपरांत 'नमस्कार स्वाध्याय' ना त्रणे विभागनो नीचोड जेमा आवी जाय अने त्रणे विभागना समग्र वस्तुने ढूंकमां छतां सचोट रीते आवरी ले एवो एक अभ्यासपूर्ण परिचयात्मक लेख तथा उपोद्घात छेल्ला विभागमां आपवानी धारणा छ / . अमे जाणीए छीए के आग्रंथना केटलाक विषयो अतिगूढ छे, विषयोना शुद्ध पाठो अने अर्थना विशिष्ट ज्ञान माटे जेवी जोईए तेवी सामग्री आजे उपलब्ध नथी; छतां अमारी अल्पशक्ति मुजब अमे अनुवाद वगेरेमा प्रयत्न कर्यो छे। जेओ ए विषयमां वधु जिज्ञासाने धरावे छे तेमने अमारो आ प्रयत्न उपयोगी थशे अने आ माहिती परथी तेओ ते विषयोमां वधु ऊंडा जई शकशे; एवी अमारी आशा अस्थाने नथी। आ ग्रंथना संपादन अने प्रकाशनमा जो कोई त्रुटिओ रही जवा पामी होय, तो ते माटे अमे चतुर्विध संघनी अंतःकरणपूर्वक क्षमा मागीए छीए अने श्री नमस्कार महामंत्रना अग्यासीओ अने आराधकोने विनंती करीए छीए के तेमणे अनुग्रह करीने अमोने उदारभावे ते विषे लखी जणावq। आवां सूचनोनी अमे साभार नोंध लईशृं। - जो के संशोधको वगेरे माटे आ ग्रंथमां समाविष्ट करेल वस्तु अति लाभदायी नीवडशे; छतां श्री 'नमस्कार * महामंत्र'नुं पारमार्थिक स्वरूप सर्व शब्दोथी पर छे-अनिर्वचनीय छ। ए स्वरूपने पामवानो मार्ग केवळ ध्यानादिद्वारा - स्वानुभवनो छे। जगतना सर्व जीवो ए दिव्य परमामृततुल्य परम स्वानुभवने पामो, एवी मंगल कामना / महा वद 4, वि. सं. 2017 ता. 5-2-1961. विलेपारले, मुंबई-५७. सेवक नवीनचन्द्र अंबालाल शाह, एम. ए. मंत्री, जैन साहित्य विकास मंडल. pat
SR No.004340
Book TitleNamaskar Swadhyay Prakrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vardhak Sabha
Publication Year1961
Total Pages592
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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