________________ (2) वेंजणअस्थअवग्गहभेदा हु हवंति पत्तपत्तत्थे / कमसो ते वावरिदा पढमं णहि चक्खुमणसाणं // जीवकाण्ड गा०३०६-७. 7. पजयअक्खरपयसंघाया पडिवत्ति तह य अणुओगो। पाहुडपाहुडपाहुडवत्थू पुवा य ससमासा // अत्थक्खरं च पदसंघातं पडिवत्तियाणिजोगं च। दुगवारपाहुडं चिय पाहुडयं वत्थु पुर्व च // कमवण्णुत्तरवड्डिय ताण समासा य अक्खरगदाणि / णाणवियप्पे वीसं गंथे बारस य चोदसयं // जीवकाण्ड गा० 348-49. 8. अणुगामिवड्डमाणयपडिवाईयरविहा छहा ओही / गुणपञ्चइगो छद्धा अणुगावट्ठिदपवड्डमाणिदरा / जीवकाण्ड गा० 372. 8. रिउमइ विउलमई मणनाणं...... मणपज्जवं च दुविहं उजुविउलमदि त्ति.... जीवकाण्ड गा० 439. 8. ..................केवलमिगविहाणं / / संपुण्णं तु समग्गं केवलमसवत्तसबभावगयं / लोयालोयवितिमिरं केवलणाणं मुणेदवं // . . जीवकाण्ड गा० 460. 9. दंसणचउ पणनिद्दा वित्तिसमं दंसणावरणं / णिद्दाणिद्दा पयलापयला तह थीणगिद्धि णिद्दा य / . पयला चक्खु अचक्खू ओहीणं केवलस्सेदं // . मूलाचार पर्या० गा० 188. 10. चक्खू दिद्वि अचक्रव सेसिंदिय ओहिकेवलेहिं च / / दसणमिह सामन.......... ......... चक्खु अचक्खू ओही दंसणमध केवलं णेयं // द्रव्यसङ्ग्रह गा० 4. 11-12. सुहपडिबोहा निद्दा निद्दानिदा य दुक्खपडिबोहा / पयला ठिओवविद्वस्स पयलपयला उ चंकमओ॥ दिणचिंतियत्थकरणी थीणद्धी अद्धचक्किअद्धबला /