________________ छट्ठा कर्मप्रन्थनो विषयानुक्रम / गाथा विषय रसघातनुं स्वरूप गुणश्रेणिनुं स्वरूप गुणसंक्रमनुं स्वरूप अनिवृत्तिकरण- स्वरूप दर्शनत्रिकनी उपशमना मिथ्यादृष्टिनी मिथ्यात्वनी उपशमना वेदकसम्यग्दृष्टिनी दर्शनत्रिकनी उपशमना स्पर्धकनुं स्वरूप अश्वकरणादा अने किट्टिकरणादानुं स्वरूप किट्टिनुं स्वरूप 63-67 क्षपकश्रेणि- स्वरूप 68-69 क्षपकश्रेणिवाळा प्राणिना कर्मप्रकृतिवेदनविषयक मतान्तर क्षपकश्रेणि आरोहण- अंतिम फळ विशेष ज्ञानमाटे भलामण ___सप्ततिकानी रचनामां रही गएली उणप पूरी करवा माटे बहुश्रुतोने विज्ञप्ति अने दोषोनी क्षमा टीकाकारनी प्रशस्ति 247 248 . 218 248 249-51 249-50 251 254 254-55 255 256-65 265-66 266-67 267 72 267-68 268