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________________ 20 बीजा घणा ग्रंथो चढेला छे. परंतु ते जुदा जुदा गच्छोमां थयेल बीजा बीजा श्रीदेवेन्द्रसूरि नामना आचार्योए बनावेला छे. प्रतिओनो परिचय. प्रस्तुत विभागनुं संशोधन करवामां अमे पांच प्रतिओनो संग्रह कर्यो छे. ए प्रतिओनी अनुक्रमे क-ख-ग-ध-ङ एवी संज्ञा राखवामां आवी छे. तेमां कई प्रतिनी कई संज्ञा छे ? ते कोनी छे ? केवा प्रकारनी छे ? विगेरेनो परिचय वाचकोनी जाण खातर आ ठेकाणे कराववो ए सर्वथा उचित लेखाशे. __क अने ख संज्ञकपुस्तको-आ पुस्तको पाटण-संघवीना पाडाना ताडपत्रीय पुस्तकभंडारनां छे. ए भंडार अत्यारे शा. पन्नालाल छोटालाल पटवानी देखरेख नीचे छे. तेमां क-पुस्तक ताडपत्र उपर लखेलुं छे अने ते सटीक छ कर्मग्रंथोनुं छे तेनां पत्र 351 छे. पुस्तकनी लंबाई 35 // इंच अने पहोलाई 2 // इंचनी छे. पुस्तकनी दरेक पुंठीमां वधारेमां वधारे 6 पंक्तिओ अने ओछामा ओछी 4 पंक्तिओ छे. प्रतिनी स्थिति घणी सारी छे. ते प्रतिना अंतमां नीचे प्रमाणेनो उल्लेख छे___"इति श्रीमलयगिरिविरचिता सप्ततिटीका समाप्ता // 7 // ग्रंथानम्-३८८०॥॥ संवत् 1462 वर्षे माघशुदि 6 भौमे अद्येह श्रीपत्तने लिखितम् / / // शुभं भवतु // ऊकेशवंशसम्भूतः, प्रभूतसुकृतादरः। वीसीसाण्डउसीग्रामे, सुश्रेष्ठी महुणाभिधः // 1 // मोघीकृताघसङ्घाता, मोघीरप्रतिघोदया। नानापुण्यक्रियानिष्ठा, जाता तस्य सधर्मिणी // 2 // तयोः पत्री पवित्राशा, प्रशस्या गणसम्पदा / हार्दूरीकृता दोपैर्धर्मकर्मैककर्मठा // 3 // शुद्धसम्यक्त्वमाणिक्यालङ्कृतः सुकृतोद्यतः / एतस्या भागिनेयोऽभूदाकाकः श्रावकोत्तमः // 4 // श्रीजैनशासननभोङ्गणभास्कराणां श्रीमत्तपागणपयोधिसुधाकराणाम् / विश्वाद्भुतातिशयराशियुगोत्तमानां श्रीदेवसुन्दरगुरुप्रथिताभिधानाम् // 5 // पुण्योपदेशमथ पेशलसन्निवेशं तत्त्वप्रकाशविशदं विनिशम्य सम्यक् / / एतत्सुपुस्तकमलेखयदुत्तमाशा सा श्राविका विपुलबोधसमृद्धिहेतोः // 6 // बाणाङ्गवेदेन्दुमिते 1465 प्रवृत्ते, संवत्सरे विक्रमभूपतीये / श्रीपत्तनाह्वानपुरे वरेण्ये, श्रीज्ञानकोशे निहितं तयेदम् // 7 // यावद् व्योमारविन्दे कनकगिरिमहाकर्णिकाकीर्णमध्ये विस्तीर्णोदीर्णकाष्ठातुलदलकलिते सर्वदोजृम्भमाणे / पक्षद्वन्द्वावदातौ वरतरगतितः खेलतो राजहंसौ तावज्जीयादजस्रं कृतियतिभिरिदं पुस्तकं वाच्यमानम् // 8 // शुभं भवतु" - तावजाचार
SR No.004334
Book TitleChatvar Karmgranth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherJain Atmanand Sabha
Publication Year1997
Total Pages260
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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