________________ भ्यावकुमुदचन्द्र 607. अधिषक व्या०-अभिधर्मकोशस्य नालन्दाख्या व्याख्या 119, 124, 133, 152, 182, 187, 188, [ज्ञानमंडल प्रेस काशी] 392, 394, 395. 190,191,237, 295,297, 298, 302, अमरको०-अमरकोशः [ निर्णयसागर प्रेस बम्बई ] 364, 365, 490, 624, 626, 640, 682, 199, 202, 738, 802. 734,735, 776,809-813, 817-819, प्रलं. चि०-अलङ्कारचिन्तामणिः [जनेन्द्र प्रेस 839,842. कोल्हापुर] 1, 596. माप्तमी०-आप्तमीमांसा [जैन सिद्धान्त प्रकाशिनी प्रवर्यावनिरा०-अवयविनिराकरणम् [ एशियाटिक संस्था कलकत्ता] 15, 16, 22, 23, 124, सोसाइटी कलकत्ता ] 228, 231. 139,155, 209, 236, 305, 357, 366, अर्थसं०-अर्थसंग्रहः [ निर्णयसागर प्रेस बम्बई 1 87, 374, 375, 382,401,522, 600, 605, 573, 577-579. 606, 623, 697,812,843.. अष्टश०-अष्टशती अष्टसहस्यां मद्रिता [निर्णयसागर प्रावश्यकनि०-आवश्यकनियुक्तिः आगमोदय समिति प्रेस बम्बई] 6, 10, 18, 23, 49, 89, सूरत] 82, 115, 173, 609,622, 632, 105, 106, 109, 115, 119, 123, 124, 636, 638,782,799. . 136, 139, 155, 233, 243, 366, 367, प्राव. नि० मलयग०-आवश्यकनियुक्तिमलयगिरि३७१, 374, 381, 388, 427, 438,454, ____टीका [ आगमोदय समिति सूरत ] 605, 606, 462, 480,487,503, 504, 522, 565, 674, 686, 688, 691, 793, 800. 568,601, 602,604, 605, 616, 676, प्राव. नि.हरि०-आवश्यकनियुक्तिहरिभद्रीयटीका 677, 680-682,703, 706, 708,710, [आगमोदय समिति सूरत ] 173. 720, 730, 731, 736, 738, 739,809. आ० वि०-आदर्शपुस्तकान्तर्गता त्रुटिता विवृतिः 637. अष्दसह-अष्टसहस्री [ निर्णयसागर प्रेस बम्बई]| आर्यरत्नावली-माध्यमिकवृत्तौ निर्दिष्टा / 484. 6, 10, 11, 17, 18, 19, 22, 23, 29, आलापपद्धति:-देवसेनकृता नयचक्रसंग्रहान्तर्गता 46, 49, 53, 74, 89, 97, 105, 106, [ माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला बम्बई ] 23, 606, 109, 115,119, 123, 1.4, 126, 127, 129-134,136, 138, 139, 141, 147, इष्टोप० टी०-इष्टोपदेशटीका [ माणिकचन्द्र ग्रन्थ१५१, 155, 216, 225, 230, 233, 236, माला बम्बई ] 674. 243, 303, 305, 307, 357, 366, 367, उत्तरपृ०-उत्तरपुराणम् [जेनसिद्धान्त प्रकाशिनी . 371, 374, 375, 381, 382, 388, 391, ___ संस्था कलकत्ता] 773. 398,400,402, 417, 427, 429, 438, उत्तरा०-उत्तराध्ययनसूत्रम् [आयमोदय समिति 454,462, 480,487,503, 504, 522, सूरत ] 632, 646, 669, 778, 791, 534, 540,551, 554,565, 568,577, 830. 579, 582, 583, 584, 585-587,601- उत्तराध्यय० पाइयटोका-उत्तराध्ययनसूत्रस्य शान्त्या६०५, 616, 620, 623, 628, 640, 676, चार्यविरचिता टीका [आगमोदय समिति सूरत ] 677, 680-682, 685, 703,706,708- 865. 710,720, 723, 726, 730, 731, 736, | उपायहृदय-उपायहृदयम् [गायकबाड सीरिज़ बड़ौदा 738-743, 780,791,809,811, 814, 312, 321-326, 329. 827,833,845. ऋग्० पुरुष०-ऋग्वेदस्य पुरुषसूक्तम् [ आनन्दाश्रम अष्टसह यशो०) अष्टसहस्रीविवरणं यशोविजय- सीरिज पूना ] 770. अष्टसह विव० कृतम् [ जैनग्रन्थप्रकाशक सभा | प्रोघनि० टी०-ओघनियुक्तिटीका [आयमोदय राजनगर] 583, 584, 687. समिति सूरत ] 876. मात्मत. आत्मतत्त्वविवेकः[जीवानन्द विद्या- | कठोप०-कठोपनिषत [ निर्णयसागर प्रेस बम्बई] 147. प्रात्मतत्त्ववि० सागर कलकत्ता] 443, 847. कर्मग्र०-कर्मग्रन्थाः आत्मानन्दसभा भावनगर 801. मात्मानु०-यात्मानुशासनम् प्रथमगुच्छकान्तर्गतम् | कर्मग्र०टी०-कर्मग्रन्थटीका [ आत्मानन्दसभा भाव [प्र. पन्नालाल जैन भदैनी काशी] 393. नगर] 674. . आदिपु०-आदिपुराणम् जैनसिद्धान्त प्रकाशिनी संस्था कल्पसू०-कल्पसूत्रम् | जैन साहित्यसंशोधक ग्रन्थमाला कलकत्ता] 778. अहमदाबाद ] 868. आध्यात्मिक०-आध्यात्मिकमतपरीक्षा यशोविजय-कशर०-कशरोपनिषत निर्णयसागर प्रेस बम्बई]१४९. ग्रन्थमालान्तर्गता [जैनधर्मप्रसारक सभा भाव- कात्यायनचातिक-कात्यायनप्रणीतं वार्तिकम् 6. नगर] 852,853. कादम्बरी-[ निर्णयसागर प्रेस बम्बई ] 113. प्राप्तप०-प्राप्तपरीक्षा | जैनसिद्धान्तप्रकाशिनी संस्था काललोक-काललोकप्रकाशः [देवचन्द्र लालभाई कलकत्ता] 4, 5, 19, 89, 94, 97, 109, / फंड सूरत ] 855.