________________ न्यायकुमुदचन्द्र द्वि० भागका अनुक्रम 47 1 प्रकाशक की ओरसे-पं० नाथूरामजी प्रेमी / प्रभाचद्रका आयुर्वेदज्ञान 7-8 प्रभाचद्रकी कल्पनाशक्ति 2 आदि वचन-डॉ० मङ्गलदेवजी शास्त्री 9-11 उदार विचार 3 प्राक्कथन-पं० सुखलालजी 12-20 प्रभाचन्द्रका समय 48-58 कार्यक्षेत्र और गुरुकुल 4 सम्पादकीयम् समय विचार 5 प्रस्तावना 5-67 प्रभाचन्द्रके ग्रन्थ - 56-67 अकलङ्कका समय शाकटायनन्यासके कर्तृत्वपर विचार आ० प्रभाचन्द्र 6-67 शब्दाम्भोजभास्कर प्रभाचन्द्रकी इतर आचार्योंसे तुलना 6-46 प्रवचनसारसरोजभास्कर [ (वैदिक दर्शन)-वेद, उपनिषत्, स्मृति गद्यकथाकोश कार, पुराण, व्यास, पतञ्जलि, भर्तृहरि, 6 मूलग्रन्थका विषयानुक्रम 68-62 व्यास, ईश्वरकृष्ण, माठर, प्रशस्तपाद, व्योम 7 मूलग्रन्थ शिव, [व्योमशिवका समय श्रीधर, वात्सा.. 404-881. यन, उद्योतकर, जयन्त, [जयन्तका समय ] 8 परिशिष्ट 885-626 वाचस्पति, शबर, कुमारिल, मण्डनमिश्र, 1 लधीयस्त्रयकारिकाधका अकारानुक्रम प्रभाकर, शालिकनाथ, शङ्कराचार्य, भामह, 2 लघीयस्त्रयगत अवतरण बाण, माघ, ( अवैविक-वर्शन )-नागार्जुन, 3 लघीयस्त्रयके लाक्षणिक और विशिष्ट वसुबन्धु, दिङनाग, धर्मकीर्ति, प्रज्ञाकर, कर्ण दार्शनिकशब्द कगोमि,शान्तरक्षित,कमलशील, अर्चट,धर्मो- 4 जिन आचार्योंने लघीयस्त्रयके वाक्योंको तर, ज्ञानश्री, जयसिंहराशिभट्ट, कुन्दकुन्द, उद्धृत किया है उन आचार्योंकी सूची समन्तभद्र, पूज्यपाद, धनञ्जय, [धनञ्जय 5 न्यायकुमुदचन्द्रगत अवतरण , का समय] रविभद्रशिष्य अनन्तवीर्य, विद्या- 6 न्यायकुमुदचन्द्रनिर्दिष्ट न्याय नन्द, अनन्तकीर्ति, शाकटायन, अभयनन्दि, 7 न्यायकुमुदचन्द्रगत ऐतिहासिक और मूलाचारकार, नैमिचन्द्रसिद्धान्तचक्रवर्ती,प्रमे भौगोलिक शब्द . यरत्नमालाकार अनन्तवीर्य, देवसेन, श्रुत- 8 न्यायकुमुदचन्द्रनिर्दिष्ट ग्रन्थ-ग्रन्थकार कीर्ति, श्वे नमसाहित्य, क्त्वार्थभाष्य 9 न्यायकुमुदचन्द्रगत लाक्षणिकशब्द कार,सिद्धसेन धर्मदासगणिहाभद्र, सिद्धर्षि, 10 न्यायकुमुदचद्रगत विशिष्टशब्द अभयदेव, वादिदेवमूहिक लयगिरि, 11 न्यायकुमुदचन्द्र के दार्शनिकशब्द देवभद्र, मल्लिषेण, गुरित्न, यशोविजय 12 मूलटिप्पण्युपयुक्त ग्रन्थसङ्केतविवरण आदिसे प्रभाचन्द्रकी तुलना] 6 शुद्धिपत्र 626