________________ 16. 9. 35] मौसलपर्व [16. 9. 38 पुनरेष्यन्ति ते हस्तं यदा कालो भविष्यति // 35 | प्रविश्य च पुरी वीरः समासाद्य युधिष्ठिरम् / कालो गन्तुं गतिं मुख्यां भवतामपि भारत / आचष्ट तद्यथावृत्तं वृष्ण्यन्धकजनं प्रति // 38 एतच्छ्रेयो हि वो मन्ये परमं भरतर्षभ // 36 इति श्रीमहाभारते मौसलपर्वणि एतद्वचनमास्थाय व्यासस्यामिततेजसः / नवमोऽध्यायः // 9 // अनुज्ञातो ययौ पार्थो नगरं नागसाह्वयम् // 37 // मौसलपर्व समाप्तम् // म. भा. 365 - 2913 -