________________ 9. 44. 107] महाभारते [9. 45. 24 घण्टाजालपिनद्धाङ्गा ननृतुस्ते महौजसः / / 107 / नृत्यप्रिया च राजेन्द्र शतोलूखलमेखला // 10 एते चान्ये च बहवो महापारिषदा नृप / शतघण्टा शतानन्दा भगनन्दा च भामिनी / उपतस्थुमहात्मानं कार्तिकेयं यशस्विनम् // 108 वपुष्मती चन्द्रशीता भद्रकाली च भारत // 11 दिव्याश्चाप्यान्तरिक्षाश्च पार्थिवाश्चानिलोपमाः / संकारिका निष्कुटिका भ्रमा चत्वरवासिनी / व्यादिष्टा दैवतैः शूराः स्कन्दस्यानुचराभवन् / / 109 सुमङ्गला स्वस्तिमती वृद्धिकामा जयप्रिया // 12 तादृशानां सहस्राणि प्रयुतान्यर्बुदानि च / धनदा सुप्रसादा च भवदा च जलेश्वरी / अभिषिक्तं महात्मानं परिवार्योपतस्थिरे / / 110 एडी भेडी समेडी च वेतालजननी तथा। इति श्रीमहाभारते शल्यपर्वणि कण्डूतिः कालिका चैव देवमित्रा च भारत // 15 चतुश्चत्वारिंशोऽध्यायः // 44 // लम्बसी केतकी चैव चित्रसेना तथा बला।' कुक्कुटिका शङ्खनिका तथा जर्जरिका नृप // 14 वैशंपायन उवाच / कुण्डारिका कोकलिका कण्डरा च शतोदरी। शृणु मातृगणान्राजन्कुमारानुचरानिमान् / उत्क्राथिनी जरेणा च महावेगा च कङ्कणा // 15 कीर्त्यमानान्मया वीर सपत्नगणसूदनान् // 1 मनोजवा कण्टकिनी प्रघसा पूतना तथा / यशस्विनीनां मातृणां शृणु नामानि भारत / खशया चुर्युटिर्वामा क्रोशनाथ तडित्प्रभा // 16 याभिर्व्याप्तास्त्रयो लोकाः कल्याणीभिश्चराचराः // 2 मण्डोदरी च तुण्डा च कोटरा मेघवासिनी / प्रभावती विशालाक्षी पलिता गोनसी तथा / सुभगा लम्बिनी लम्बा वसुचूडा विकत्थनी // 17 श्रीमती बहला चैव तथैव बहपुत्रिका // 3 ऊर्ध्ववेणीधरा चैव पिङ्गाक्षी लोहमेखला / अप्सुजाता च गोपाली बृहदम्बालिका तथा / पृथुवक्त्रा मधुरिका मधुकुम्भा तथैव च // 18. जयावती मालतिका ध्रुवरत्ना भयंकरी // 4 पक्षालिका मन्थनिका जरायुर्जर्जरानना। वसुदामा सुदामा च विशोका नन्दिनी तथा। ख्याता दहदहां चैव तथा धमधमा नृप // 19 एकचूडा महाचूडा चक्रनेमिश्च भारत // 5 खण्डखण्डा च राजेन्द्र पूषणा मणिकुण्डला / उत्तेजनी जयत्सेना कमलाक्ष्यथ शोभना / अमोचा चैव कौरव्य तथा लम्बपयोधरा // 20 शत्रुजया तथा चैव क्रोधना शलभी खरी // 6 वेणुवीणाधरा चैव पिङ्गाक्षी लोहमेखला / माधवी शुभवक्त्रा च तीर्थनेमिश्च भारत / शशोलूकमुखी कृष्णा खरजङ्घा महाजवा // 21 गीतप्रिया च कल्याणी कद्रुला चामिताशना // 7 शिशुमारमुखी श्वेता लोहिताक्षी विभीषणा / मेघस्वना भोगवती सुभ्रूश्च कनकावती / जटालिका कामचरी दीर्घजिह्वा बलोत्कटा // 22 अलाताक्षी वीर्यवती विद्युजिह्वा च भारत // 8 कालेडिका वामनिका मुकुटा चैव भारत / पद्मावती सुनक्षत्रा कन्दरा बहुयोजना। लोहिताक्षी महाकाया हरिपिण्डी च भूमिप // 23 संतानिका च कौरव्य कमला च महाबला // 9 / एकाक्षरा सुकुसुमा कृष्णकर्णी च भारत / सुदामा बहुदामा च सुप्रभा च यशस्विनी। क्षुरकी चतुष्कर्णी कर्णप्रावरणा तथा // 24 - 1894 -