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________________ 10 परिशिष्ट 1 'ही' कारविद्यास्तवनम् सवर्णपाय ल-यमध्यसिद्धमधीश्व(स्वर भास्वररूपंभासम् / खण्डेन्दुबिन्दुस्फुटनादशोभ, त्वां शक्तिबीजं(ज!) प्रमनाः प्रणौमि // 1 // 'हाँ'कारमेकाक्षरमादिरूपं, मायाक्षरं कामदमादिमन्त्रम्। त्रैलोक्यवर्ण परमेष्ठिबीजं, विज्ञाः स्तुवन्तीश! भवन्तमित्थम् // 2 // शिष्यः सुशिक्षा सुगुरोरवाप्य, शुचिर्वशी धीरमनाश्च मौनी / तदात्मबीजस्य तनोतु जापम(मु)पांशु नित्यं विधिना विधिक्षः // 3 // अनुवाद 'हाँ'कारनुं स्वरूप . जेनी पार्श्वमा 'स'वर्ण छे (एवो 'ह'), जे 'ल' अने 'य' ना मध्यमां सिद्ध (निष्ठित) छे (एवो र), जेनी वच्चे 'ई' स्वर छे, जेनी कांति देदीप्यमान सूर्यना जेवी छे अने जे अर्धचन्द्र (कला), बिन्दु अने स्पष्टं नादथी शोभी रहेल छे, एवा हे शक्तिबीज! हुं तने प्रोल्लसित मनथी (भावपूर्वक) स्तवं छु. // 1 // हे ईश ! आपने विद्वान पुरुषो 'ही'कार, एकाक्षर, आदिरूप, मायाक्षर, कामद, आदिमंत्र, 15 त्रैलोक्यवर्ण अने परमेष्ठिबीज-एवा विशेषणोथी स्तवे छे. // 2 // 'हाँ'कारना साधक कर्तव्य ... सद्गुरु पासेयी समुचित शिक्षा प्राप्त करीने विधिना जाणकार शिष्ये पवित्र थईने, इन्द्रियोने वशमा राखीने, मनमा अडग धैर्य धारण करीने अने मौन राखीने ते 'आत्मबीज-ही 'कारनो विधियुक्त उपांशु जाप हमेशां करवो जोईए // 3 // 1. भास्वरभानुरूपम् N. | 2. त्रैलोक्यवर्ण परमेष्ठिबीजं, मायाक्षरं कामदमादिमन्त्रम। हीकारमेकाक्षरमादिरूपं, तज्ज्ञाः स्तुवन्तीश भवन्तमित्यम् // 2 // N. | 3. शैक्षः N. / 4. हस्तलिखित 'ब्रह्मविद्याविधि' नामक ग्रंथमा ह्वीकारना प्रकरणमां आ रीते वर्णन छे "सान्तान्तं रेफमारूढं, चतुर्थस्वरयोजितम् / नाद-बिन्दु-कलोपेतं, धर्मकामार्थसाधनम् // नादो विश्वात्मकः प्रोक्तो, बिन्दुः स्यादुत्तमं पदम् / . कलापीयूषनिःष्यन्दीत्याहुरेवं जिनोत्तमाः॥ नाद-बिन्दु-कलायुक्तं, पूर्णचन्द्रकलाधरम् / 30 त्वनुस्वारं भवेद् बिन्दुस्त्वर्धमात्रं विशेषतः॥ हृलेखा, लोकराज, जगदधिपः; लोकपतिः, भुवनेश्वरी, माया, त्रिदेहं, तत्त्वं, शक्तिः, शक्तिप्रणव मित्यादि / / 'ह्री'॥" 5. “ईषत्कर्णोपसेन्यः स्यादुपांशुः स जपः स्मृतः॥"-ह० लि. 'ब्रह्मविद्याविधि !
SR No.004318
Book TitleNamaskar Swadhyay Sanskrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vikas Mandal
Publication Year1962
Total Pages398
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size10 MB
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