________________ 276 [संसात नमस्कार स्वाध्याय नमोऽन्तर्मुहविशिष्टे यताय, नमः सारशैलेश्यवस्थोचिताय / नमस्ते चतुःकर्मतुल्यांशताय, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते // 107 // नमस्ते क्रमाद्रुद्धयोगत्रयाय, नमो लेश्यया शुक्लयाऽप्युज्झिताय / नमः पूर्णशुक्लान्त्यभेदद्वयाय, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते // 108 // नमस्ते विशुद्धथा महानिर्जराय, नमोऽशीतियुपञ्चकर्मोत्किराय / नमस्ते त्रिभागोनदेहोच्छ्याय, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते // 109 // नमस्ते पतत्कार्मणौदारिकाय, नमोनादिसम्बन्धमुक्ताणुकाय / नमस्तत्क्षणाप्तस्थिरस्थानकाय, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते // 110 // नमस्तत्र गत्याऽस्पृशन्त्या गताय, नमः सिद्धबुद्धाय पारङ्गताय / नमः साधनन्तस्थितिस्थायुकाय, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते // 111 // नमो वीतसंसारसत्क(त्ता)कथाय, नमो निर्जराजन्ममृत्युव्यथाय। नमः शाश्वतायामलायाचलाय, नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमस्ते // 112 // आयुष्य अंतर्मुहूर्त बाकी रहे त्यारे योग निरोध माटे तैयार थयेला आपने नमस्कार थाओ। सारभूत एवी शैलेशी अवस्थाने योग्य एवा आपने नमस्कार थाओ। चार अघाति कर्मोना अंशोने केवलिसमुद्घातवडे 15 सरखा करनारा आपने नमस्कार थाओ // 107 // अनुक्रमे त्रण योगोने रोकनारा आपने नमस्कार थाओ। शुक्ललेश्याथी पण रहित एवा आपने नमस्कार थाओ। शुक्ल ध्यानना अंत्य बे भेदने पूर्ण करता आपने नमस्कार थाओ // 108 // __ आत्म विशुद्धिवडे महानिर्जरा करनारा आपने नमस्कार थाओ। सत्तामा रहेली 85 कर्मप्रकृतिने उखेडी नाखनारा आपने नमस्कार थाओ। जेमना देहनी ऊंचाई विभागोन थयेल छे एवा आपने 20 नमस्कार थाओ // 109 // जेमनां कार्मण अने औदारिक शरीर खरी रह्यां छे एवा आपने नमस्कार थाओ। अनादि संबंधवाळा परमाणुओथी रहित बनेला आपने नमस्कार थाओ। ते ज क्षणमां (अक ज समयमां) मोक्षस्थान ने प्राप्त करनारा एवा आपने नमस्कार थाओ // 110 // अस्पृशद् गतिवडे सिद्धस्थानमां गयेल आपने नमस्कार थाओ। सिद्ध, बुद्ध अने पारंगत 25 एवा आपने नमस्कार थाओ। सादि-अनन्त स्थितिवडे (सिद्धस्थानमां) स्थित थयेला आपने नमस्कार थाओ॥१११॥ ...... संसार संबंधी कथाथी रहित एवा आपने नमस्कार थाओ। जरा, जन्म ने मरणनी व्यथाथी रहित एवा आपने नमस्कार थाओ। शाश्वत, अमल अने अचल एवा आपने नमस्कार थाओ // 112 //