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________________ यन्त्र-चित्र परिचय (21) सिद्धचक्रम् (दिगम्बरीय नवदेवतानी धातु प्रतिमा) (पृ. 220 A) आ एक प्राचीन दिगम्बरीय चित्र उपरथी योग्य फेरफार साथै चितरावी भहीं रजू करवामां भावेल छ। (22) नंदीश्वरद्वीपपटः (पृ. 240 A) राणकपुरना धरणविहार प्रासादमा रहेला नंदीश्वरपटना एकचित्र उपरथी संस्थामां चित्रकार पासे योग्य फेरफार करावी चितरावीने अहीं रजू करवामां आवेल छे। (23) श्रीमहावीर स्वामी (काउस्सग्गध्यानमा) (पृ. 250 A) तालध्वज (तळाजा-सौराष्ट्र) गिरि उपर मुख्य देरासरनी बाजुए एक उभी काउस्सग्गीया भगवाननी मूर्ति छ। पगनी नीचे जमणी बाजु एक यक्ष तथा डाबी बाजु अंबिका देवी छ। प्रभुनी मूर्ति नीचे लांछन नथी परन्तु बन्ने बाजु सिंहनी आकृति होवाथी चित्रकारे वचमां सिंहनी आकृति लांछन तरीके मूकी महावीर स्वामीनी मूर्ति कल्पीने ते प्रमाणे चितरी छ। जे भहीं रजू करवामां आवेल छे। - (24) श्रीबाहुबलिजी (काउस्सग्गध्यानमां) (पृ. 292-A) ... श्रीगोमटेश्वर बाहुबलिना चित्र उपरथी योग्य फेरफार साये चित्रकार पासे चितरावीने अही.रजू करेल छ / (25) श्रीचतुर्विंशतिजिनरम्यपटः (पृ. 298 A) ....... प्रभासपाटणना चिन्तामणि पार्श्वनाथना देरासरमा डाबी बाजुना एक चोवीसीना चित्र उपरथी चित्रकारनी कल्पनानुसार चितरावीने भही रजू करेल छ /
SR No.004318
Book TitleNamaskar Swadhyay Sanskrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vikas Mandal
Publication Year1962
Total Pages398
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size10 MB
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