________________ 30-3-200000. 0 0005 पंचमंगलमहासुयक्रवंधसुत्त മമ്മിയാ Mob00000000 नमो अरिहंता नमो सिद्धाणं नमो आयरिया नमो नवनायागं नमो लोए सबसाद / एसो पंचनमुकारो, सहपावप्परगासगो।। मंगलाणं च सन्वेसिं पढमं हवइ मंगलं / / BO000000OOOO पू. मुनिश्री पुण्यविजयजीमहाराज हस्तलिखित पाठ.