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________________ नमस्कार स्वाध्याय [संस्कृत परिचय 'मन्त्रराजरहस्य' जे हजी सुधी प्रगट थयेल नथी तेना कर्ता श्रीसिंहतिलकसूरिए आ 'परमेष्ठिविधायन्त्रकल्प' नी रचना करेली छे / 78 गाथाओना कल्पमा थोडांक पद्यो अनुष्टुप् छंदमां छे; ज्यारे मोटा भागनां पद्यो आर्यावृत्तमा छ। आ कल्पनी अमने त्रण प्रतिओ मळी हती, तेमांनी एक स्व० श्रीमोहनलाल भगवानदास झवेरीना संग्रहनी हती, बीजी बुहारी, शेठ झवेरचंद पन्नाजीए करावेली नकलरूपे हती, अने त्रीजी प्रति पूना, भांडारकर रिसर्च इन्स्टियूटनी मळी हती। आ त्रणे प्रतिओ अशुद्ध हती छतां एक-बीजी प्रतिओना पाठो जोई-सुधारीने पाठभेद आपवापूर्वक मूलपाठ संपादित कर्यो छे अने ते अनुवाद साथे अमे अहीं प्रगट कर्यो छे। 10 श्रीसिंहतिलकसूरिए आ कृतिद्वारा परमेष्ठिविद्याना एक मौलिक यंत्रनुं विवरण कयुं छे। ध्यान माटे कुंडलिनी विशे सरस माहिती आपी छे। जैनाचार्योमां कुंडलिनीना विषयमां आटलं स्फुट विवेचन कोईए कयुं होय एवं जोवामां आव्युं नथी, ए दृष्टिए आ रचनानुं महत्त्व सविशेष छ। .. यंत्रनी उपासना अने फळादेश विषयक सारी माहिती आ कल्पमां आपेली छे /
SR No.004318
Book TitleNamaskar Swadhyay Sanskrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vikas Mandal
Publication Year1962
Total Pages398
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size10 MB
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