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________________ 5. धर्मोत्तरप्रदीपस्य शब्दसूची। 295 वैधर्म्य 245 245 शेषवत् विशेष्यासिद्ध 92, 190 लिङ्ग 111, 115, 119, 151, विषय 27, 71 189, 190, 234 विषयभेद 19 लिङ्गि 111 विषयविप्रतिपत्ति 35 लोकप्रसिद्धि विषयसारूप्य 81 शक्तिनिश्चय विषयाकार 81 शब्द 13, 35, 125, 143, विषयाभास 183, 184, 194 विसंवादक 45 शब्दसंतान . 194 238 शब्दाकारसंसर्ग वैधर्म्यदृष्टान्त .238 शब्दावर्तन 143 वैयर्थ्य 223 शाब्द . 186 व्यक्त 64 शाब्दप्रत्यय 185 व्यतिरेक 96, 167, 168 शासन व्यतिरेकवाक्य 96, 251 शास्त्र व्यधिकरण 190 शीतस्पर्श 210 - व्यधिकरणासिद्ध 88 व्यवस्थाप्यव्यवस्थापनभाव / 84 श्रोत्रविज्ञान व्यवहार 122, 184 षट्पदार्थ 240 व्यवहारसाधन 107 षड्लक्षणहेतुज . व्यसन 3 संकेत व्यापक 129, 130, 155, 166 संख्या 37 व्यापकता 243 संघातत्व व्यापकविरुद्धकार्योपलब्धि 148 संदिग्धविपक्षव्यावृत्ति व्यापकविरुद्धव्याप्तोपलब्धि 140, 141 संदिग्धविपक्षव्यावृत्तिक / 95, 209, व्यापकविरुद्धोपलब्धि 148 216, 218 व्यापकानुपलब्धि 146 संदिग्धविशेषणासिद्ध 93, 193, व्याप्त 108 संदिग्धविशेष्यासिद्ध 93, 193 व्याप्ति 155, 156 165 संदिग्धान्वयासिद्धव्यतिरेक 216 व्याप्य 129, 155, 166 संदिग्धासिद्ध व्याप्यव्यापकधर्मलक्षण 155 संयोग 170 व्याप्यव्यापकभाव 146 संयोगी 100, 109 व्यामोह 160 संवादक 17 व्युत्पत्ति 11 संवृतिज्ञान रस 75 संशय - 13, 15, 22, 33 लक्षण 27, 36 संशयहेतु 149, 214, 222 . लक्षणहेतु 17 संसर्ग 181
SR No.004317
Book TitleDharmottar Pradip
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania
PublisherKashiprasad Jayswal Anushilan Samstha
Publication Year1956
Total Pages380
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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