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________________ पञ्चमं परिशिष्टम् 440 प्रश्नथ 1,717 / 8,39 प्रश्रय 1,883 प्रष्ट 5,33 प्रोतृ 1,597 प्रोथ 1,597 उ. 900 . प्रोथितृ 1,900 पोर्णवितृ 2,65 प्रोणुवितृ 2,65 प्रोषित 1,532 / 8,54 प्लक्ष 3,68 उ. प्लव 1,598 / 8,25 (उ.). प्लवी 1,598 प्लीहन् 1,859 (उ.) प्लेहित 1,859 प्लोतृ 1,598 प्लोषित 1,533 / 3,68 / 8,55 प्राजित 1,139 प्राज्ञ 8,33 प्राञ्च 1,105 प्राविवाक 5,33 प्राण 2.31 .. प्राण 2,31 च प्राणितृ 2,31 प्रातृ 2,14 प्राथम् 1,1003 प्रापणिक 1,710 उ. प्राप्ति 4,22 : प्रार्थना 9,365 प्रावरितृ 49 प्रावरीतृ 4,9 प्रावार 4,9 प्रावृष 1,527 प्रासङ्ग 1,173 प्रासाद 1,966 प्रिय 3,110 / 8,3 च प्रियंवद 1,998 प्रियेक्षा 1,882 पुष्वा 1,532 उ.1 8,54 उ. प्रेक्षा 1,882 प्रेडा 1,75 प्रेङ्खण 1,87 प्रेण्वन 1,488 प्रेतृ 3,110 / 8,3 प्रेन्वन 1,488 प्रेषण 3.25 प्रसङ्गय 1,173 प्रसर 1,25 प्रसव : 3,99 - प्रसविन् 2,49 प्रसा 1,1011 प्रसार 1,25 प्रसारिन् 1,25 प्रसित 1,1011 प्रसू 2,49 प्रसेवक 3,21 / प्रस्कन्द 1,319 प्रस्कन्दन 1,319 (उ.) प्रस्ताव 2,66 प्रस्तुम्पक 1,344 प्रस्तोतृ 2,66 प्रस्थम्पच 1,892 . प्रस्थायिन 1,5 उ. प्रस्न 2,6 . प्रस्नवितृ 2,25 प्रस्नापक 2,6 प्रस्ताव 1,15 प्रहि 1,885 उ. प्रहृत्ति 1,738 प्राकषिक 1,507 उ. प्राकारमर्दिन् 8,43 प्राछ् 5,33 प्राजन 1,139 प्सातृ 2,2 प्साय 2,2 प्सेय 2,2. फक्का 150 फक्कित 150 फनस 1,748 उ. फल 1,414,428,983 फलक 1,414 च उ. फलहक 1,414 उ. फलित 1,428,983 फलेग्रहि 8,10 फलेपाकु. 1,892 फल्गु १,४१४.उ. फल्गुन 1,414 उ. प्रेष्य 3,25 / 5,105
SR No.004315
Book TitleDhatuparayanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMunichandrasuri
PublisherShahibag Girdharnagar Jain S M Sangh
Publication Year1979
Total Pages532
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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