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________________ 412] पञ्चमं परिशिष्टम् कतृ 1,888 / 4,8 कलुष 1,814 उ. कर्दम 1,306 उ. कलेवर 5,45 उ. कर्दा 1,306 कल्क 1,814 उ. कर्पास 1,888 उ. कल्प 1,959 च कर्पूरस्फटा 1,208 कल्पित 1,959 कर्बट 1,355 उ. कल्प्तृ 1,959 कर्बर 8,15 उ. कल्प्य 1,959 कबरी 8,15 उ. कल्मष 1,814 उ. कर्बुर 1,355. उ.,७६७ उ. / कल्माष 1,814 उ. कर्मकर 1888 करमास 1,814 उ. कर्मकरी 1,888 कल्य 1,814 कर्मन् 1,808 उ. कल्याणखुरा 5,79 कर्व 1,460 कल्याणगुदा 1,735 कर्शितृ 3,64 कल्याणवाला 1,807 कर्षक 1,506 उ.५,९ उ. कल्ल 1,815 क' 1,506 उ.१५,५. उ. कल्लितृ 1,815 कल्लोल 1,815 उ. कल 1,814 / 5,459,129 कवक 2,28 उ. कलङ्क १,८८८उ.१५,२० उ. कवि 1,590 उ. कलत्र 1,6034 उ.५,४५ उ. कशा 1,490 कलना 1,84 कशितृ 1,490 कलम 1,814 उ.१५,४५.उ. कशेरु 8,24 उ. कलल 1,814 उ. कश्मीर 1,490 उ. कलह 2,42,73 / 5,45. उ.. कष 1,507 कला 1,814 कषि 1,507 उ. कलापक 1,2 उ. कषीका 1,507 उ. कलाय 1,814 उ. कस 1,987 कलि 1,814 उ.५,४५ उ. कसितृ 1,987 कलिका 1,814 च उ. काक 1,36 उ., 618 कलित 1,814 काकादन 2,1 कलिल 1,814 उ. काकादनी 2,1 काङ्क 1,186 काच 1,649 काश्चन 1,650 उ. काश्चि 1,650 उ. काश्चिक 1,650 [उ.] .. काट 1,174 काण 1,2709,170 काणुक 2,270 उ. काणूक 1,270 उ. काण्ड 1,270. उ. कातृ 1,36 कान्ति 1,789 कान्दम् 1,1006 काव्य 1,767 काम 1,789 कामदुघ 2,69 कामन 1,789 कामना 1,789 कामयान 1,789 कामयितृ 1,789 कामल 1,789 उ. कामुक 1,789 काम्य 1,789 काय 45 कारण 1,888 . कारा 1,888 काराल 1,888 उ. कारि 1,888 उ. कारु 1,888 उ. कार्य 1,888 | कार्षक 1,506 उ. / 5,5 उ.
SR No.004315
Book TitleDhatuparayanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMunichandrasuri
PublisherShahibag Girdharnagar Jain S M Sangh
Publication Year1979
Total Pages532
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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