________________ 402 कातन्त्ररूपमाला सूत्र सुधीः 327 पृष्ठ सूत्रक्रमांक सूत्र पृष्ठ सूत्रक्रमांक साहिसातिवेधुदेजिचेतिधारिपारिलिम्पिविदां सिद्धो वर्णसमाम्नाय: त्वनुपसर्गे 323 569 सिजद्यतन्याम् / 247 226 सिचो धकारे 249 238 सिच: 250 246 सिचि परस्मैस्वरान्तानाम् 256 273 सिजाशिषोश्चात्मने 259 284 सिद्धिरिज्वाणानुबन्धे 491 सुरामि सर्वत: 41 155 52 192 सुविनिर्दुर्घ्य: स्वपिसूतिसमानाम् 162 453 सुट् भूषणे सम्पर्युपात् 277 347 सुखादीनि वेदयते 306 480 सुरासीध्वोः पिबते: 591 सूते: पञ्चम्याम् 220 111 सूर्यरुच्याव्यथा: कतरि 318 537 सृजिदृशोरागमोऽकार: स्वरात्परो धुटि सृवृभृमुद्रुस्तु श्रु व गुणवृद्धिस्थाने 254 260 एवपरोक्षायाम् 269 316 सृवृशृस्तुद्रुस्रुश्रव एवपरोक्षायाम् 277 350 सेट्सु वा 258 277 सोऽपदान्ते वा . 241 204 सोऽपदान्तेऽरेफप्रकृत्योरपि 241 205 सोमे सूत्र: 342 685 सौ च मघवान्मघवा वा 100 297 सौ स: 110 323 सौ नुः 114 335 सौ वा 224 128 स्वरोऽवर्णवों नामि 4 8 स्वस्येरेरिणीरिषु 11 38 स्मृत्यर्थकर्मणि 409 स्वरजौ यवकारावनादिस्थौ लोप्यौ स्मै सर्वनाम्न: स्वस्रादीनां च __56 203 स्त्रियामादा 60. 215 स्त्रीनदीवत् 65 230 स्त्री च 65 231 स्त्र्याख्यावियुवौ वामि 66 233 स्वरे ह्रस्वो नपुंसके * 71 244 स्थूलदूरयुवक्षिप्रक्षुद्राणामन्तस्थादेलोपो गुणश्च स्यादिधुटि पदान्तवत् 112. 331 नामिनाम् 101 299 स्यात् 136 375 स्वामीश्वराधिपतिदायादसाक्षिप्रतिभूप्रसूतैः स्यातां यदिपदेद्वेयदि वास्यु र्बहन्यपि षष्ठी च 146 406 नान्यस्य पदस्यार्थेबहुव्रीहिः 157 436 स्वरेऽक्षरविपर्ययः 165 463 स्त्र्यस्त्र्यादेरेयण 171 487 स्यसहितानित्यादीनिभविष्यन्ती 196 10 स्मनातीते 38 स्वरादीनां वृद्धिरादेः 207 48 स्थस्तिष्ठः 212 स्वरादाविवर्णो वर्णान्तस्य स्वपिवचियजादीनांयण धातोरियुवौ 215 83 परोक्षाशी: षु 217 स्थानिवदादेश: 218 101 स्को: संयोगाद्योरन्ते च 221 117 स्वराद्रुधादेः परो नशब्दः 240 201 स्वरादेश: परनिमित्तक: स्थादोरिरद्यतन्यामात्मने 249 241 पूर्वविधि प्रतिस्थानिवत् 246 224 स्थादोश्च 250 242 स्थादोश्च 257 275 स्वरतिसूतिसूयत्यूदनुबन्धाच्च 257 276 स्तुसुधूभ्य: परस्मै 258 279 147 41 153 व्यञ्जने 203 95