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________________ बन चुका है, जिसका कलशारोहण व मंदिर वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव मई 1990 में सम्पन्न हो चुका है। , इसके अलावा साधुओं के रहने के लिये रत्नत्रय निलय, कार्य संचालन के लिये कार्यालय एवं पानी की सुविधा के लिये टंकी भी बनाई जा चुकी है। अन्य निर्माण कार्य भी योजनानुसार चल रहे हैं, जिनका वर्णन भविष्य में समाज के समक्ष प्रस्तुत होगा। शैक्षणिक गतिविधियाँ निर्माण के अतिरिक्त संस्थान के द्वारा शिक्षा एवं धर्म प्रचार का कार्य भी समय-समय पर किया जाता है। शिक्षण-प्रशिक्षण शिविर, सेमिनार, अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार आदि के आयोजन भी कई बार किये जा चुके हैं। सम्यग्ज्ञान मासिक पत्रिका का प्रकाशन पू० गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा लिखित चारों अनुयोगों से युक्त एवं धर्म प्रभावना के समाचारों से रहित सम्यग्ज्ञान मासिक पत्रिका का प्रकाशन जुलाई 1974 से इसी संस्थान के अन्तर्गत प्रारम्भ किया गया था, जिसका विमोचन, प० पू० आचार्य श्री धर्मसागार जी महाराज के करकमलों से ऐतिहासिक दिगम्बर जैन लाल मंदिर दिल्ली में जुलाई 1974 को किया गया था। . भारतवर्ष के प्रत्येक प्रांत में लगभग सभी नगरों में इस पत्रिका के सदस्य हैं तथा पिछले 18 वर्षों से मासिक पत्रिका का प्रकाशन प्रतिमाह निरबाध चल रहा है। वीर ज्ञानोदय ग्रन्थमाला____ संस्थान के अन्तर्गत वीर ज्ञानोदय ग्रन्थमाला की स्थापना सन् 1974 में की गई, जिसमें प्रथम पुष्प के रूप में अष्टसहस्री के एक भाग का प्रकाशन 1974 में हुआ था। उसके बाद पू० ज्ञानमती माताजी द्वारा लिखित लगभग 125 से अधिक ग्रन्थों का प्रकाशन अब तक हो चुका है। बच्चों के लिये बालविकास (चार भाग) एवं इन्द्रध्वज मण्डल विधान, कल्पद्रुम मण्डल विधान, तीन लोक मण्डल विधान, सर्वतोभद्र मण्डल विधान, जम्बूद्वीप मण्डल विधान आदि अनेक प्रकाशन अत्यन्त लोकप्रिय आचार्य श्री वीरसागर संस्कृत विद्यापीठ. सन् 1979 में पू० माताजी की प्रेरणा से जम्बूद्वीप स्थल पर आचार्य श्री वीरसागर संस्कृत विद्यापीठ का शुभारम्भ हुआ। अब तक इस विद्यापीठ से पढ़कर कई विद्वान् समाज सेवा में संलग्न हो चुके हैं। जम्बूद्वीप पारमार्थिक औषधालय___नवम्बर 1985 से जम्बूद्वीप स्थल पर नि:शुल्क आयुर्वेदिक औषधालय भी प्रारम्भ किया गया है, जिसमें राजवैद्य शीतल प्रसाद एण्ड सन्स दिल्ली एवं त्रिमूर्ति फार्मेसी बीकानेर के सौजन्य से आयुर्वेदिक औषधि प्राप्त होती हैं। जम्बूद्वीप पुस्तकालय ___ संस्थान के अन्तर्गत एक विशाल पुस्तकालय की योजना रखी गई है, जिसका नाम जम्बूद्वीप पुस्तकालय के नाम से रखा गया है। इस पुस्तकालय में विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों के अनुसार ही पुस्तकों को संचित किया जा रहा है। (26)
SR No.004310
Book TitleKatantra Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmati Mataji
PublisherDigambar Jain Trilok Shodh Sansthan
Publication Year1992
Total Pages444
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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