________________ संकलनकार-मुनियशोविजवजी [ वर्तमानमा भाचार्य यशोदेवसूरि] पालीताणा न्यायविशारद न्यायाचार्य महोपाध्याय श्रीमद् यशोविजयजीकृत ग्रन्थोनी सुघारा वधारा साथे त्रीजीवार प्रगट थती यादी. _ [वि. सं. 2037, नी पालीताणा] प्रथम संस्कृत-प्राकृत भाषाना उपलब्ध ग्रन्थो नोंध-अहींआ श्रीजीवार सुधारेली विस्तृत सूची रजू थाय छे. आज सुधीमां तेओश्रीना नामे अन्यत्र मुद्रित ग्रन्थोमां अनेक यादीओ प्रगट थयेली छे. ते पैकी आ यादी सहुथी शक्य एटली वधु चोकसाइ करीने, व्यवस्थितरीते प्रगट करी छे. ___अल्बत ग्रन्थांतर्गत आपेला केटलाक नाना नाना 'वादो' ने रजू कर्या नथी. अहीं आपेला नामोमां-केटलाक ग्रन्थोनां, तेनी हस्तलिखित प्रतोमां नामान्तरो पण जोवां मल्यां छे. एमना नामे खोटी रीते चढेली कृतिओनी नोंध अत्रे नथी आपी. वळी कोई कोई कृतिओ एमनी ज छे के केम ? ते हजु प्रश्नार्थक रुपे ज रही। होवाथी तेनी नांध पण नथी. आपी, वळी अद्यावधि अज्ञात रहेली कृतिओ आपणा ज ज्ञानभंडारोना सूचीपत्रोमां बीजाना नामे चढेली छे. तेमज आगळ पाछळ तेओश्रीनुं नाम न होवानां कारणे अनामी तरीके ज उल्लिखित थयेली केटलीक कृतिओ पण हशे, जे भविष्यमा हस्तगत थवा संभव छे.. - यशोदेवसूरि 1 अजप्पमय परिक्खा 10 उवएस रहस्स 18 मानार्णव अध्यात्ममतपरीक्षा) (उपदेश रहस्य) स्वोपज्ञटीका सह ?) [अपरनाम-आध्यात्मिकखण्डन] स्वोपज्ञटीका सह 19 चक्षुप्राप्यकारितावाद स्वोपज्ञटीका सह 11 ऐन्द्रस्तुतिचतुर्विशतिका +20 तिङन्वयोक्ति x . +2 अध्यात्मसार ___ स्वोपज्ञटीका सह 21 देवधर्मपरीक्षा 3 अध्यात्मोपनिषद् 12 कूवदिठ्ठन्तविशईकरण 22 द्वात्रिंशद्वात्रिंशिका - 4 अनेकान्त [मतव्यवस्था (कूपदृष्टांत विशदीकरण) स्वोपज्ञटीका सह ___ [अपरनाम-जैनतर्क स्वोपज्ञटीका सह 23 धम्मपरिक्खा +5 अस्पृशद्गतिवाद 13 गुरुतत्तविणिच्छय ..(धर्मपरीक्षा),.. स्वोपज़टीका सह गुरुतत्त्वविनिश्चय) स्वोपज्ञटीका सह 6 अनेकान्तवाद माहात्म्य विंशिका स्वोपज्ञटीका सह.. 24 नयप्रदीप +7 आत्मख्याति 14 जइलक्खण समुश्चय +25 नयरहस्य +8 आराधकविराधकचतुर्भगी (यतिलक्षण समुच्चय। 26 नयोपदेश ... स्वोपज्ञटीकासह 15 जेन तर्कभाषा स्वोपज्ञटीका सह .+9 आर्षभीय चरित्र 16 ज्ञानबिन्दु +27 न्यायखण्डनखाच टीका महाकाव्य x 17 शानसार [स्वकृत 'महावीर स्तव' मूल उपर * आई चिह्न अमुद्रित ग्रन्थ- सूचक समजवू. x आq चिह्न अपूर्ण कृति सूचक समजवु. + आवी निशानीवाळा ग्रन्थो उपाध्यायजीना स्वहस्तथी लखाएला प्रथमादर्शरुपे समजवा. . (1) आQ चिह्न. कृति उपाध्यायजीनी छे खरी ? तेनी शंका दर्शावतुं समजवु,