________________ 176 दशवकालिक : समीक्षात्मक अध्ययनएक (4) द्विपद 2 प्रकार (5) चतुष्पद 10 प्रकार (6) कुप्य 1 प्रकार धान्य के 24 प्रकार : (1) जौ (13) अलसी (2) गेहूँ (14) काला चना .. (3) शालि चावल (15) तिउडया (4) ब्रीहि-वन चावल (16) निष्पाव (गुजरात में इसे 'वाल' कहते हैं) (5) साठी चावल (17) मोठ (6) कोदो, कोदव (18) राजमाष-लोभिया, चौला (7) अणुकर (16) इक्षु / (8) कांगणी (20) चौला (6) रालक (21) रहर , (10) तिल (22) कुलथी (11) मूंग (23) धनिया (12) उड़द (24) मटर चूर्णिकार के अनुसार 'मसूर' को मालवा आदि देशों में 'चौला' कहा जाता था और वृत्तिकार ने राजमाष का अर्थ 'चौला' किया है / १-दशवकालिक नियुक्ति, गाथा 252, 253 / २-देशीनाममाला (152) में इसके दो अर्थ किए हैं—(१) माकार और (2) धान्य-विशेष / ३-पाइयसहमहण्णव (पृ. 537) में इसे देशी शब्द मानकर इसका अर्थ मालव-देश में प्रसिद्ध एक प्रकार का धान्य किया है। ४-जिनदास चूर्णि, पृ० 212: मसूरा मालवविसयादिसु चवलगा। ५-हारिभद्रीय टीका, पत्र 193 : राजमाषा:-धवलकाः।