________________ 138 दशवकालिक : एक समीक्षात्मक अध्ययन के। गर्भवती स्त्री के लिए विशेष रूप से बनाया हुआ भोजन, जो वह खा रही हो न ले। खाने ने बाद बचा हो वह ले / 2 पूरे मास वाली गर्भिणी के हाथ से भोजन न के / बालक या बालिका को स्तनपान कराती हुई स्त्री, बालक को रोता हुआ छोड़, भिक्षा दे, वह न ले।४ विभिन्न द्रव्यों से ढके, लिपे और मूंदे हुए पात्र का मुख खोल भिक्षा दे, वह न ले।५ दान के निमित्त, पुण्य के निमित्त, वनीपक के निमित्त और श्रमण के निमित्त बनाया भोजन न ले।६ पूतीकर्म-आधाकर्म आदि से मिश्र भोजन, मध्यवतर-अपने साथ-साथ साधु के निमित्त बनाया हुआ भोजन, प्रामित्य- साधु को देने के लिए उधार लिया हुआ भोजन और मिश्र-भोजन न ले। मालापहृत भिक्षा म ले। पुष्प, बीज और हरियाली से उन्मिश्र, पानी, उत्तिंग और पनक पर रखा हुआ बौर अग्नि पर रखा हुआ भोजन न ले।" चूल्हे में इन्धन डाल कर, निकाल कर, चूल्हे को सुलगा कर या बुझा कर भिक्षा दे तो न ले। अग्नि पर रखे हुए पात्र से भोजन निकाल कर, छींटा देकर, चूल्हे पर पात्र को टेढ़ा कर, उतार कर भोजन दे तो न ले / 10 दूकान में रखी हुई चीजें, जो सचित्त रजों से स्पृष्ट हों, न ले।११ जिसमें खाने का भाग मोड़ा हो और डालना अधिक पड़े-वैसा पदार्थ न ले / 12 फूल आदि सचित्त द्रव्यों को कुचल कर भिक्षा दे तो न ले।' 3 अपक्व हरित आदि न ले। 4 एक बार भंजी हुई फली १-दशवकालिक, 5 / 1 / 32-35 / २-वही, 5 / 1138 / ३-वही, 5 / 1141,42 / ४-वही, 5 / 2 / 41,43 / ५-वही, 5 / 1145,46 / ६-वही, 51147-54 / ७-वही, 51155 / ८-वही, 5 / 1 / 67-68 / ९-वही, 5 // 1 // 57-62 / १०-वही, 5 / 1 / 63,64 / ११-वही, 5 / 171,72 / १२-वही, 5 / 174 / १३-वही, 5 / 2 / 14,17 / १४-वही, 5 / 2 / 18,19-24 /