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________________ चक्र सुदरसन करि संहारयौ। तेज तासु निज मुख मैं धाव्यौ॥१५५ जब शिशुपाल वध का समाचार उसके सेनापति को मिला तो उसने द्वारिका की ओर प्रस्थान किया, जिससे वह अपने स्वामी की मृत्यु का बदला ले सके। महाकवि सूर ने शाल्व के द्वारिका आक्रमण का बड़ा रोचक वर्णन किया है। द्वारिका में कृष्ण की अनुपस्थिति में प्रद्युम्न, सात्यकि एवं अन्य वृष्णीवंश राजकुमारों ने उससे युद्ध किया। उधर समाचार प्राप्त होते ही श्री कृष्ण शीघ्र ही इन्द्रप्रस्थ से द्वारिका आये। तत्पश्चात् दोनों महावीरों में भयंकर युद्ध हुआ। वह आसुरी माया से युद्ध करने लगा परन्तु श्री कृष्ण उसकी सारी माया को दूर कर उसे गदा के प्रहार से मार गिराया। लख्यो भगवान करि कपट इन यह कियो, तासु माया तुरत हरि निवारी। भागि निज पुर चल्यौ स्याम पहिलै पहुँचि। खैचि के गदा ता सीस मारि। गदा युद्ध साल्व कीन्हौ बहुत बेर लौं, बहुरि हरि साँग ताको चलाई। लगत तामै गए प्रान वाके निकसि, सुरनि आकास दुंदुभि बजाई॥१५६ __तदन्तर शिशुपाल का भाई दन्तचक्र श्री कृष्ण के साथ युद्ध करने आया। उसने श्री कृष्ण को ललकार कर उन पर जोरदार गदा प्रहार किया। परन्तु उसका वार निष्फल गया। जब श्री कृष्ण ने उसे गदा मारी तो उसके प्राण-पंखेरू निकल गये बहरि लै गदा परहार कियौ स्याम पर, . लग्यौ ज्यौं लगे अंबुज पहारे। हरि गदा लगत गए प्रान ताके निकसि, बहुरि हरि निज बदन माहिँ धारे॥५७ इस प्रकार सूरसागर में महाकवि सूर ने शिशुपाल वध प्रसंग को अत्यन्त ही संक्षेप में भागवतानुसार वर्णित किया है। साथ ही शाल्व-वध तथा दन्तचक्र वध को भी निरूपित किया है। श्री कृष्ण द्वारा मारे गये अनेक असुरों में ये भी महत्त्वपूर्ण हैं। / सूरसागर की भाँति हरिवंशपुराण में भी श्री कृष्ण द्वारा शिशुपाल वध का प्रसंग आता है परन्तु यह प्रसंग भिन्न प्रकार से वर्णित है। जिनसेनाचार्य ने शिशुपाल-जन्म इत्यादि का उल्लेख नहीं किया है कि वह श्री कृष्ण की बुआ का पुत्र था। उसके जन्म पर आकाशवाणी हुई थी एवं श्री कृष्ण ने उसके सौ अपराधों को क्षमा करने का अपनी बुआ को वर दिया था, यह भी वर्णन पुराण में नहीं मिलता।
SR No.004299
Book TitleJinsenacharya krut Harivansh Puran aur Sursagar me Shreekrishna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdayram Vaishnav
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2003
Total Pages412
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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