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________________ उपेक्षित रहना तथा इस प्रकार के तुलनात्मक अध्ययन के अभाव को देख, इस क्षतिपूर्ति के लिए डॉ. उदाराम वैष्णव की पुरुषार्थ प्रेरणा श्लाघनीय है। डॉ. उदाराम वैष्णव अपनी विनम्रता, सरलता एवं सादगी के साथ अध्यवसायी, प्रतिभा सम्पन्न, निष्ठावान विद्यार्थी रहे हैं। साथ ही एक निष्ठासम्पन्न सफल अध्यापक के रूप में इनका परिचय एवं व्यक्तित्व अनन्यतम है। स्वाध्यायशील स्वभाव के कारण इनका शोधकार्य भी उतना ही प्रांजल एवं गरिमा से युक्त बन गया है। उन्होंने मेरे निर्देशन में उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय, पाटन की पी-एच.डी. उपाधि "जिनसेनाचार्य कृत हरिवंश पुराण और सूरसागर में श्री कृष्ण" (एक तुलनात्मक अध्ययन) विषय पर बड़े सम्मान के साथ प्राप्त की है। यह शोध ग्रंथ आज जब लोक हितार्थ प्रकाशित हो रहा है तो मैं अपनी हार्दिक शुभकामनाओं एवं बधाई के साथ अतीव प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूँ। अपने विद्यार्थियों का संतोष और सफलता ही अध्यापक की धन शक्ति है, यही गुरुदक्षिणा है। __डॉ. उदाराम वैष्णव का विषय मौलिक, उपादेय एवं प्रासंगिक भी उतना ही है। शोधार्थी का सामग्री विभाजन ऐतिहासिक है तथा प्रतिपादन शैली सरल, सुस्पष्ट एवं सशक्त है। अनेक मौलिक स्थापनाएँ; अनुसंधान की नई दिशाओं की ओर भी संकेत करती हैं। प्रस्तुत शोध-प्रबंध को सात परिच्छेदों में विभाजित किया गया है। आलोच्य कृतियों के काव्योत्कर्ष पर तटस्थ, वैज्ञानिक तथा तथ्य संकलन-परक दृष्टि एवं अध्ययन परक निष्कर्ष प्रशंसनीय है। ___ संक्षेप में प्रस्तुत शोध प्रबंध दो भिन्न परम्परा के कवियों की श्री कृष्ण विषयक अवधारणा तथा सांस्कृतिक चेतना का सूक्ष्म एवं गरिमायुक्त अनुशीलन है, जो प्रामाणिक, वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि सम्पन्न है। प्रेम, शांति, पवित्रता से परिपूर्ण सम्पूर्ण सुख के आशावाद का सूर्योदय हो-इसी शुभ भावना के साथ इस सशक्त, मौलिक प्रस्थापनाओं का हस्ताक्षर रूप इस प्रबंध का मैं हार्दिक स्वागत करता हूँ। शोध की नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाले तथा शोध गुणों से अलंकृत यह प्रबंध साहित्यिक-आध्यात्मिक परम्परा के साथ जन-मानस में तथा विद्वज्जनों में एक विशेष अवदान के साथ समादृत होगा। . . पुनः हार्दिक शुभकामनाओं एवं बधाई के साथ। 17, शालीन बंगलोज गुलाब टॉवर, थलतेज अहमदाबाद-54 दूरभाष : 7430115 - डॉ. हरीश गजानन शुक्ल' पूर्व आचार्य एवं अध्यक्ष, हिन्दी विभाग आर्ट्स कॉलेज (उत्तर गुजरात, विश्व विद्यालय) पाटन (उत्तर गुजरात)
SR No.004299
Book TitleJinsenacharya krut Harivansh Puran aur Sursagar me Shreekrishna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdayram Vaishnav
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2003
Total Pages412
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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