________________ चउसरणपइण्णयं : 44 पावियपरमाणंदा 'गुणनीसंदा' विदिण्णभवकंदा / लहुईकयरवि-चंदा सिद्धा सरणं खवियदंदा / / 28 / / उवलद्धपरमबंभा दुल्लहलंभा विमुक्कसंरंभा / भुवणघरधरणखंभा सिद्धा सरणं निरारंभा / / 29 || (साहू सरणं) . सिद्धसरणेण नवबंभहेउसाहुगुणजणियअणुराओ / 'मेइणिमिलंतसुपसत्थमत्थओ तत्थिमं भणइ / / 30 / / जियलोयबंधुणो कुगइसिंधुणो पारगा महाभागा / नाणाइएहिं सिवसुक्खसाहगा साहुणो सरणं / / 31 / / केवलिणो परमोही विउलमई सुयहरा जिणमयम्मि / आयरिय उवज्झाया ते सव्वे साहुणो सरणं / / 32 / / / 1. निस्संदा जे. ला. / / 2. °दा विभिण्ण' सा।। 3.नयबं° साप्रति 4. यबहुमाणा / मे° सा० / / 5.मेयणि जे०।।