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________________ उपोद्धात नयनं विजिगीषोस्त्रिवर्गेण संयोजनम् अथवा नीयते व्यवस्थाप्यते स्वेषु स्वेषु सदाचारेषु लोकः यया सा नीतिः। किसी दूसरे राष्ट्र पर विजय की अभिलाषा रखने वाले को जिस कार्यपद्धति के द्वारा धर्म, अर्थ और काम की प्रतिकूलता नहीं होती अथवा जिसके द्वारा जनता अपने धर्म सम्प्रदाय अथवा जाति के आचार-विचारों से च्युत नहीं होती उसका नाम नीति है। नीति का सम्बन्ध न्याय से है। जो न्यायानुमोदित है वही नीति है। इस प्रकारे नीतिशास्त्र धर्मशास्त्र के समीप आ जाता है अत एव एक दूसरे की उक्तियों में बहुधा साम्य पाया जाता है। केवल नीति शब्द का प्रयोग करने से स्वभावतः सत्पथ की ओर प्रवृत्त करने वाली पद्धति का बोध होता है / जो लोक-व्यवहार को मर्यादित रखने में सहायक होती है / ग्रन्थकार ने भी 'नीति यथावस्थितमर्थमुपलम्भयति' इस सूत्र के द्वारा इसी आशय को व्यक्त किया है। सभ्यता के क्रमिक विकास के साथ व्यापक क्षेत्र में समान नीति के पालन से श्रेयस् की सिद्धि मानने वालों के द्वारा राजनीति, दण्डनीति, अर्थनीति, कूटनीति इत्यादि विशेषण युक्त नीति का वर्गीकरण होता रहा किन्तु नीति अपने स्थान पर सुदृ रही और विशेषणों के आधार पर राजनीति और लोकनीति के द्वारा नीति का व्यापक रूप पृथक्-पृथक् खण्डों में प्रकाशित हुआ। शिशुपालवध के प्रणेता महाकवि माघ ने-'आत्मोदयः परज्यानिर्द्वयं नीतिरितीयती' को लिखकर संक्षिप्त रूप से नीति के दो ही स्वरूप बताये हैं / जिससे स्व का उत्कर्ष हो और पर का ह्रास हो यही दो नीति हैं। महाभारतकार ने शान्ति पर्व में लिखा है “मज्जेत् त्रयी दण्डनीतौ हतायां, सर्वे धर्माः प्रक्षयेयुर्विवृद्धाः / सर्वे धमाश्चाश्रमाणां हताः स्युः, क्षात्रे त्यक्ते राजधर्मे पुराणे // " राजा की दण्डनीति यदि सशक्त न हो तो वेदत्रयी अर्थात् ऋक्, यजुः, साम लुप्त हो जायं और संस्कृति और सदाचार के आधार समस्त धर्म विनष्ट हो जायं तथा ब्रह्मचारी, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास के धर्मों की भी मर्यादा ध्वस्त हो जाय / इस प्रकार प्राचीन परम्परा से सम्बद्ध क्षात्र' अर्थात् क्षत से रक्षा करने वाले राजधर्म अथवा राजनीति का विनाश होने पर समस्त लोक
SR No.004293
Book TitleNitivakyamrutam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSomdevsuri, Ramchandra Malviya
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year1972
Total Pages214
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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