________________ भियः-मः धान्नव्याकरणम् भियः : 1 / 2 / 121 / भृ-वृ-त-जि-सहि-तपि-दमः नाम्नि भियः प्रयोजकात् 5 / 1158 / 12 / 30 / भियः षुग् वा (उणादि) 2 / 104 / भोग-अन्त-आत्मनः खः 4 / 16 / भियः वा 5 / 3 / 10 / भोज्यम् अन्ने 6 / 1 / 67 / भिरो: स्थानम् 6 / 4 / 67 / भो-भगो-अघोभ्यः अशि लोपः 6 / 4 / 24 / भी-शीभ्याम् आनकः (उणादि) भौरिकि-ऐषुकार्यादिभ्यः विधल्२।११। भक्तलौ 3 / 1 / 63 / भी-ही-हूनां द्वे च 1 / 1155 / भ्यसः अभ्यम् 2 / 1 / 26 / भुजः अपालने 1 / 4 / 116 / / भ्रमि-वठि-देवि-वासे: अरन् (उणादि) भुवः 1 / 1 / 118 / 3 / 20 / भुवः 1 / 2 / 63, भ्रमेः डूः (उणादि) 1142 / भुवः (उणादि) 3 / 87 / भ्रस्जि-स्पशेः सलोपः च (उणादि) भुवः अत् 6 / 2 / 126 / . 1618 // भुवः वा 1 / 1 / 151 / भ्रस्जः भ वा 5 / 3 / 62 / भुवः वुग् लुङ-लिटोः 5 / 3 / 12 / भ्राज-भास-भाष-दीप-जीव-माल-पीडां वा भू-जि-वसि-वहि-साधि-भासि-गडि-मण्डि 6 / 1 / 63 / हेमिभ्यः (उणादि) 2 / 45 / भ्रातुः व्यत् 2 / 4 / 64 / / भूतपूर्व चरट् 4 / 3 / 43 / भ्राश-भ्लाश-भ्रमु-क्रमु-क्लमु-त्रसि-त्रुटिभूते 1 / 2 / 62 / लषः वा 111188 / भूषण-आदर-अनादरेषु अलम्-सत्-असतः भ्राष्ट्र-अग्न्योः इन्धे 5 / 2 / 80 / 2 / 2 / 27 / भ्रौवेयः 2 / 4 / 5 / / भू-सुवः अद्वेः तिङि 6 / 2 / 26 / ___मः सेटः न अवमि-अमि-कम-आचमभू-सुङ्-अदिभ्यः क्रिन् (उणादि) विश्रमः 6 / 1142 / 1 / 70 / मकुर-दर्दुर-विधुराः (उणादि) 3 / 2 / भृञादिभ्यः अतच् (उणादि) मङ्गेः अलच् (उणादि) 3 / 52 / मड्डुक-झर्झरात् अण् वा 3 / 4 / 58 / भृञः असंज्ञायाम् 1 / 1 / 123 / मत-जनयोः करण-जल्पयोः 3 / 4 / 68 / भृति-माषात् ठच् 4 / 4 / 11 / मतौ बह्वचः अनजिरादीनाम् 5 / 2 / 133 / भृति-वस्न-अंशाः 4 / 1166 / मत्स्यस्य यः 5 / 3 / 151 / भू-म-त-चरि-तनि-मस्जि-शीभ्यः उः मदेः स्यन् (उणादि) 2 / 112 / (उणादि) 115 मदः अप्रादेः 1 / 3 / 58 / 2048 /